गौतम बुध नगर के नोएडा ग्रेटर नोएडा या ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे शहरों में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के क्या परिणाम हो सकते हैं? सोसाइटी से बाहर जाते हुए हेलमेट न पहनने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं ? रॉन्ग साइड ड्राइविंग से क्या हो सकता है ? यह सब बातें लोगों के मुंह से अक्सर सुनी जाती है और इनको इग्नोर भी किया जाता है । मैंने अक्सर लोगों को अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हुए बिना हेलमेट और रॉन्ग साइड ड्राइविंग करते हुए देखा है । रोके जाने पर अक्सर उनके उत्तर “ज्यादा नैतिकता ना दिखा, ना सिखा” कहने वाली होती है ।
शनिवार दिन रात ग्रेटर नॉएडा वेस्ट स्थिति एस सिटी के पेट्रोल पंप के पास दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने की सीधी टक्कर में चार लोग घायल हो गए जिनमें से एक महिला और एक पुरुष को निक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जबकि दो युवकों को एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया । पुलिस से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार महिला और पुरुष ग्रेनो ग्रीन सोसाइटी करने वाले हैं जबकि दोनों युवक जलपूरा के रहने वाले है।
इस एक्सीडेंट में सभी लोग बिना हेलमेट थे जबकि दो पक्षों में से एक पक्ष रॉन्ग साइड आ रहा था । एस सिटी से जलपुरा को जाने वाली सड़क पर रॉन्ग साइड ड्राइविंग बेहद आम बात है । हैरत की बात यह है कि यह सब पुलिस चौकी से महज 100 मीटर दूर से बने चौराहे से शुरू होता है । इस पुलिस चौकी के अंतर्गत सेक्टर 1 की कई सोसाइटिया और और एयमनाबाद ग्राम में बनी कई अवैध बिल्डर फ्लोर आते है ।
क्या ट्रैफिक नियमों का पालन करना या करवाना सिर्फ पुलिस का काम है ? क्या खुद को सभ्य समाज के नागरिक कहे दौरान में होने वाले हम सभी लोग इन नियमों के पालन करने से बचते हैं आखिर क्यों थोड़ी सी जिम्मेदारी और कर्तव्यपरायणता को हम लोग अपनाने को तैयार नहीं है। देर रात हुए इस एक्सीडेंट में फिलहाल सभी पक्ष ठीक हैं किंतु परिणाम कुछ भी हो सकता था ।
ऐसे में कम से कम ट्रैफिक के बेसिक नियमों का पालन करने और ऐसे एक्सीडेंट के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहरने से ज्यादा शहर के नागरिकों को स्वयं को भी बदलना पड़ेगा। हर बार पुलिस गलत नहीं होती है । बाकी निर्णय आपका है, पुलिस और समाज ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण एक्सीडेंट के बाद आपको अस्पताल तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध जरूर है किंतु हर बार जान बच जाए यह संभव नहीं है ।