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ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो: क्या उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं की अंदरूनी खींचतान के चलते रुकी मेट्रो ?


राजेश बैरागी । क्या कोई बता सकता है कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक आने वाली मेट्रो लाइन का निर्माण कार्य कब शुरू होगा? एक प्रश्न यह भी है कि नोएडा में ही रूट परिवर्तन के बाद इस मेट्रो लाइन की पत्रावली की गति आश्चर्यजनक तरीके से सुस्त क्यों हो गयी है?

नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए बहुप्रतीक्षित मेट्रो की सवारी की प्रतीक्षा दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। लगभग एक दशक से इस मेट्रो लाइन को बनाने की कवायद चल रही हैं। संभवतः 2015-16 में मेट्रो के ढांचे के निर्माण के लिए नॉलेज पार्क-5 तक मिट्टी की जांच भी कराई गई थी।

नोएडा प्राधिकरण ने पिछले पांच छः वर्षों में अपने सालाना बजट में ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के लिए भी धन का प्रावधान किया है। पत्रावली भी खूब चली है। कभी उत्तर प्रदेश सरकार से केंद्र सरकार और कभी केंद्र सरकार से राज्य सरकार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो निर्माण से संबंधित पत्रावली का आदान-प्रदान होता रहा है। नोएडा प्राधिकरण और नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सूत्र बता रहे हैं कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो से संबंधित पत्रावली वर्तमान में उत्तर प्रदेश शासन में लंबित है। उसपर विचार विमर्श के दौरान यदा-कदा नोएडा प्राधिकरण और एन एम आर सी से सवाल जवाब किया जाता है परंतु अंतिम निर्णय होकर सहमति के साथ फाइल वापस नहीं आ रही है।

क्या उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं की अंदरूनी खींचतान के चलते इस मेट्रो लाइन परियोजना की फाइल की रफ्तार जानबूझकर सुस्त कर दी गई है? नोएडा प्राधिकरण और एन एम आर सी के सूत्र ऐसी किसी खींचतान की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर करते हैं परंतु फाइल तेजी से न चलने का कोई वाजिब कारण नहीं बता पाते हैं।

इस वर्ष की शुरुआत में नोएडा में ही इस मेट्रो लाइन के रूट में सांसद डॉ महेश शर्मा के प्रयासों से केंद्र सरकार ने परिवर्तन किया था। पहले यह लाइन सेक्टर 51-52 स्थित मेट्रो स्टेशनों से शुरू होनी थी। उसके लिए डीपीआर भी तैयार कर दी गई थी। डॉ महेश शर्मा के हस्तक्षेप से अब यह सेक्टर -61 मेट्रो स्टेशन से शुरू होगी। इससे न केवल मेट्रो रूट लंबा होगा बल्कि इस पर आने वाले खर्च में भी वृद्धि होगी।लोग चर्चा करते हैं कि सांसद ने अपने एक अस्पताल को मेट्रो रूट पर लाने के लिए ऐसा कराया।

हालांकि नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सूत्र भविष्य के लिहाज से तथा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर नये रूट को उचित बता रहे हैं। परंतु इसके बाद ही इस मेट्रो लाइन की पत्रावली की गति में सुस्ती आ गई। कथित तौर पर सांसद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बेहतर तालमेल न होने को इस सुस्ती का जिम्मेदार बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते दस वर्षों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हाईराइज सोसायटियों और अन्य आवासीय, व्यवसायिक तथा औद्योगिक इकाइयों में प्रतिदिन लाखों लोगों का नोएडा दिल्ली गाजियाबाद से आवागमन हो रहा है। सार्वजनिक परिवहन का कोई साधन विकसित न होने से इस क्षेत्र के लोगों को मेट्रो रेल की बहुत शिद्दत से प्रतीक्षा है परंतु फाइल है कि उत्तर प्रदेश शासन में जाकर ठहर गई है।

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राजेश बैरागी

राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l

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