शनिवार को एक समाचार अयोध्या से आया कि अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे और मिल्की पूर्व चुनाव से सपा के दावेदार अजीत प्रसाद पर एक व्यक्ति पर अगवा करके मारपीट करने का आरोप लगाए यद्यपि अजीत ने इन आरोपो को सिरे से नकार दिया।
जानकारी के अनुसार ग्राम पलिया विषय रिसाली हनुमत नगर निवासी रवि तिवारी ने नगद कोतवाली में तहरीर देखकर आरोप लगाया की अकबर निवासी शीतला प्रसाद अपनी जमीन बेच रहे थे उन्होंने शीतल को ₹1 लाख दिए थे इसके बाद जमीन को अजीत प्रसाद पुत्र अवधेश प्रसाद और लाल बहादुर के नाम बैनामा करवा दिया शीतला प्रसाद को दिए गए पैसे के बदले अजीत ने चेक के जरिए 1 लख रुपए दिए रवि तिवारी ने आरोप लगाया कि शनिवार दोपहर को सिविल लाइन स्थित भारतीय स्टेट बैंक के पास खड़े थे तभी अजीत राजू यादव और कई लोग 5 गाड़ियों में आए उन्होंने आगे सेट कर अपनी गाड़ी में बैठा दिया और मारपीट की ।
परंतु क्या समाजवादी पार्टी के किसी भी नेता द्वारा या उसके पुत्र द्वारा कोई गुंडागर्दी के समाचार होने पर आम जनता को कोई आश्चर्य होता है । देखा जाए तो आज के उत्तर प्रदेश में सत्ता या विपक्ष के सांसद या विधायकों के पुत्रों द्वारा अपराध में लिफ्ट न होने की बाद सूचना ही सबसे बड़ा आश्चर्य है । समाजवादी पार्टी का ग्राफ इसमें ज्यादा ऊपर है । भाजपा समेत बाकी दलों का ग्राफ इसमें थोड़ा नीचे है । किंतु कोई भी साधारण व्यक्ति इस बात से सहमत रहता है कि जनप्रतिनिधि बनने के बाद यह आम जनता को नैतिक ज्ञान देने वाले किसी भी पक्ष के माननीय अपने पुत्रों को नैतिकता की शिक्षा नहीं दे पाते और अक्सर उनके पुत्र सभी तरीके के अवैध कामों में लगे दिखाई देते हैं । उत्तर प्रदेश की अपराधिक रिपोर्ट का अगर गंभीर आकलन करें तो राजनीति में आए 50% से ज्यादा नेताओं के अपने अपराधी रिकॉर्ड और उनके पुत्र भू माफिया खनन माफिया और वसूली के कामों में लगे दिखाई देते हैं ।
ऐसे में अयोध्या में अवधेश प्रसाद के पुत्र द्वारा मारपीट की घटनाओं पर भले ही वह सिरे से नकार रहे हैं किंतु उसे पर आम जनता को कोई आश्चर्य होना बड़ी बात नहीं है ।