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जीता था जिनके लिए,जिनके लिए लड़ता था, उसने ही विरोध किया, समीक्षा बैठक में मिला दर्द कैसे पिए सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी ?

आशु भटनागर । रविवार को लखनऊ में हुई समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में पार्टी प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिन मुसलमानो के लिए वह तमाम उम्र संघ और भाजपाइयों से लड़ते रहे । उसी मुस्लिम समाज के नेता पार्टी की समीक्षा बैठक में पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के सामने न सिर्फ उनका विरोध करेंगे बल्कि विरोध में उनकी धज्जियां तक उड़ा देंगे ।

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पार्टी में वही उलटी गंगा ने राजकुमार भाटी के समक्ष अजीब स्थिति पैदा कर दी है । सूत्रों की माने तो पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने राजकुमार भाटी के कार्यकलापों और व्यवहार को लेकर विरोध जताया और पार्टी में उनको मुसलमान का विरोधी बताया मुस्लिम नेताओं ने यहां तक दावा कर दिया कि अगर पार्टी किसी भी हालत में राजकुमार भाटी को टिकट देने की सोचेगी तो वह किसी और पार्टी में जाकर उनको हराने के लिए उनके विरोध में चुनाव लड़ेंगे ।

हालात विरोध तक फिर भी ठीक थे किंतु इस पर पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव का यह जवाब “कि वह तो पहले ही हारे हुए हैं” और भी कई संकेत दे गया । पार्टी में अखिलेश यादव द्वारा जिले के कार्यकर्ताओं के सामने लोकसभा प्रत्याशी रहे डॉ महेंद्र नगर को मंच पर बैठाना और राजकुमार भाटी को नीचे ही बैठे रहने देना भी कई संकेत दे गया

पार्टी में राजकुमार भाटी के विरुद्ध उठे मुस्लिम विरोध को लेकर कई तरीके की चर्चा सामने आ रही है कई ने बुलंदशहर में हुई सिकंदराबाद में हुई अखिलेश यादव की रैली में मुसलमान की उपेक्षा इसका मुख्य कारण बताया तो ने उसे रैली के बाद चुनाव में कई दिन तक राजकुमार भाटी के गायब हो जाने को भी इसका कारण बताया है ।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद नोएडा से गए सैकड़ो सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में अलग-अलग तरीके की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कई नेताओं ने राजकुमार भाटी को लेकर जिले में अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्ति की है । सपा नेताओं की माने तो राजकुमार भाटी जिले में पार्टी के वह बट वृक्ष बन गए हैं जिसकी छाया के नीचे कोई नया पेड़ पनप नहीं सकता है ।

यद्धपि कई वरिष्ठ नेताओं ने राजकुमार भाटी को एमएलसी पद का दावेदार बताया और उनको लेकर अखिलेश यादव द्वारा उनकी सोशल मीडिया में पहुंच की बात के बहाने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश भी की । किंतु इतना तय है कि रविवार को हुए इस पूरे घटनाक्रम के बाद वापस लौट रहे कार्यकर्ताओं और संगठन के कई लोग बड़े नेताओं के बीच संघर्ष और मंथन की स्थिति पनप रही है । इस मंथन से पहले विष निकलेगा या सीधा अमृत निकेलगा और अगर विष निकलेगा तो उसको ग्रहण कौन करेगा यह पार्टी में आने वाले दिनों में दिखाई देगा ।

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आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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