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संपादकीय: क्या नैतिकता के साथ सरकारी नौकरी करना असंभव है ? नोएडा के पूर्व IAS अधिकारियों के भ्रष्टाचार से संबंधों से उठते प्रश्न

क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काम करने वाले आईएएस अधिकारी ईमानदारी और नैतिकता के साथ काम नहीं कर सकते हैं इस प्रश्न को पूछना इस समय इसलिए अनिवार्य हो गया है क्योंकि भाजपा और सपा कल में नोएडा में अधिकारी रहे राकेश बहादुर सिंह के नोएडा आवास पर इनकम टैक्स विभाग ने छापे मारे हैं आप है की राकेश बहादुर सिंह ने अपनी काली कमाई को मी बिल्डर के साथ निवेश किया ।

रेट के बाद क्या निकलेगा वह चर्चाएं बात की है किंतु प्रश्न यह है कि क्या नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना जैसे प्राधिकरणों के सर्व सर्व कहे जाने वाले इन आईएएस अधिकारियों से ईमानदारी और नैतिकता की अपेक्षा रखता बेमानी है क्या राकेश बहादुर सिंह या फिर सरदार मोहिंदर सिंह या यादव सिंह जैसे काली कमाई के सरदारों ने पूरी आईएएस लॉबी को बदनाम कर दिया है ।

ऐसा नहीं है कि इन नामों के अलावा बाकी किसी की चर्चा नहीं है नोएडा प्राधिकरण के कई ऐसे अधिकारी हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उनकी काली कमाई का पैसा शहर के कई बिल्डरों और अस्पतालों में लगा है । नोएडा में अक्सर यह चर्चा होती है कि सेक्टर 104 में बने बने हुए बड़े व्यवसायिक परिसर असल में प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के ही हैं। इसीलिए इन दिनों सेक्टर 18 से ज्यादा व्यवस्थित और चलता हुआ बाजार इन दोनों सैक्टर 104 का हो गया है और उस पर नोएडा प्राधिकरण हमेशा आंखें मूंद लेता है।

आम जनता इन अधिकारियों के बारे में क्या सोचती है,  क्या सरकारी अधिकारी नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना जैसे प्राधिकरण में काम की जगह सिर्फ अरबों के घोटाले करने के लिए आते थे । सरदार मोहिंदर सिंह मायावती सरकार में कुख्यात हुए सरदार मोहिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 94 करोड रुपए के प्रोजेक्ट को 1000 करोड़ रुपए का बनाकर उसमें तमाम घोटाला किया और सरकार जाते ही वह नोएडा छोड़कर विदेश भाग गए । ग्रेटर नोएडा के एक पूर्व  सीईओ के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इआरपी लागू करवाने और उसके मेंटेनेंस के नाम पर जिस कंपनी को ठेका दिया था उसमें उनके पुत्र की नौकरी थी ऐसे में उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट को ऐसे बनवाया कि उनके जाने के बाद पूरे प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा ।

चर्चा तो यहां तक है कि इन दिनों शहर में तेजी से उभरते हुए अस्पताल के बारे  में भी एक आईएएस आईपीएस अधिकारी की काली कमाई के इन्वेस्टमेंट से ही आगे बढ़ रहा है ।

ऐसे में बड़ा प्रश्न ये है कि क्या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब सपा बसपा कल में बड़े-बड़े घोटालेकर रिटायरमेंट का सुख ले रहे हैं इन भ्रष्ट अधिकारियों कि सिर्फ जांच करेगी या फिर चैन के बाद इनके कुकर्मों की समुचित सजा भी दिलवाएगी और आम जनता टैक्स पेयर के पैसे को इसे वसूलने की तैयारी भी करेगी । प्रश्न ये भी है कि क्या ias एसोसिएशन राकेश बहादुर सिंह या सरदार मोहिंदर सिंह जैसे अधिकारियों के खिलाफ कोई बयान भी जारी करेगी या फिर  मौन साध लगी

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