राजनीति में व्यक्ति को बाहरी दुश्मनों से ज्यादा आंतरिक दुश्मनों से निपटना पड़ता है दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक उपन्यास में “जुलियस सीजर” सीजर की पीठ में छुरा घोंपने वाला व्यक्ति उसका परम मित्र ब्रूटस होता है जिसके बाद उसके अंतिम बोल यही होते हैं यू टू ब्रूटस.. (तुम भी ब्रूटस)
ऐसा ही कुछ गौतम बुध नगर जिले कि समाजवादी पार्टी की यूनिट में इन दिनों जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी के साथ होता दिखाई दे रहा है। शनिवार को समाजवादी पार्टी जिला कार्यालय पर हुई मासिक बैठक में हुए छोटे से विवाद ने आप सोशल मीडिया और मीडिया में बड़ा रूप ले लिया है । एक पक्ष से मिली जानकारी के अनुसार सुधीर भाटी के जिला अध्यक्ष से हटाने को लेकर बीते 1 वर्ष से मुहिम चला रहे कुछ लोगों ने सुनियोजित योजना के तहत जिले में समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव के पुतला पहुंचने की बात पर जिला अध्यक्ष से सफाई मांगनी शुरू करी। सुधीर भाटी ने ऐसी किसी घटना से अनभिज्ञता जताते हुए धूम मानिकपुर में मौजूद सपा कार्यकर्ताओं से इसकी जानकारी मांगी । कार्यकर्ताओं ने धूम मानिकपुर में रहने वाले छात्र सभा के नेता मोहित नागर से भी इस बाबत जानकारी ना देने के प्रश्न पूछे गए जिस पर मोहित नागर ने कोई बड़ी घटना के न होने की बात करी।
मासिक बैठक में हुई इस छोटी सी घटना को आधार बनाकर बाद में इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं जिले में की जाने लगी दावा किया जाने लगा कि सुधीर भाटी राष्ट्रीय अध्यक्ष के अपमान पर चुप रहे और इसकी शिकायत अब विरोधी गुट समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से करेंगे ।
घटना के सामने आने पर एनसीआर खबर ने सुधीर भाटी से पूरे प्रकरण पर बातचीत की, जिस पर सुधीर भाटी ने विवाद की किसी घटना से इनकार किया है । सुधीर के अनुसार पार्टी में कुछ कार्यकर्ताओं ने लिखित शिकायत दी थी कि पार्टी के नाम पर कुछ लोग फेसबुक पर जिले में कॉलोनाइजर के खिलाफ लिखकर उनसे वसूली की कोशिश कर रहे हैं जिस पर ऐसे कार्यकर्ताओं को भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी गयी।
वही समाजवादी पार्टी के सूत्रों का दावा है कि कुछ लोग पार्टी में जिला अध्यक्ष बनने के चक्कर में पार्टी का अहित करने की सीमा तक पहुंच गए हैं। एक बड़ा गुट फिलहाल किसी भी कीमत पर सुधीर भाटी को जिला अध्यक्ष पद से हटाने की मुहिम में लगा है पार्टी से 27 में टिकट की चाह रखने वाले एक नेता बीते दिनों पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले एक नेता को जिला अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर अखिलेश यादव के दिल्ली दरबार तक पहुंच गए थे । किंतु अखिलेश यादव ने फिलहाल उन दोनों को ही ऐसी किसी संभावना के बारे में विचार करने से इनकार कर बैरंग वापस लौटा दिया । जिसके बाद विरोधी गुट में भी आपस में ही फूट पड़ गई । गुट के एक विवादित युवा नेता ने वरिष्ठ नेता पर गुस्सा करते हुए पूछा कि जब हम सब के बीच यह तय हुआ कि सिर्फ मुद्दा सुधीर भाटी को हटाने का है तो फिर अचानक आप अध्यक्ष जी के पास अपने लिए जिला अध्यक्ष बनाए जाने की मांग रखने कैसे पहुंच गए ।
मासिक बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कुछ लोगों के द्वारा फेसबुक पर कालोनाइजर के विरोध में लिखकर गलत हरकते करने की शिकायत की थी, जिस पर उन्हें आगे ऐसी काम ना करने के लिए कहा गया। उस चर्चा को लोग बड़ा चढ़कर मीडिया को बता रहे हैं। कुछ नकारात्मक लोग जिला अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा में संगठन को कमजोर करने की कोशिश में लगे है । जिले में पार्टी को मजबूत करने के लिए लगा रहूंगा और ऐसे विवादों के डर से पार्टी हित में काम करने से पीछे नहीं हटूंगा।
सुधीर भाटी, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी
ऐसे में बड़ा प्रश्न ये है कि मासिक बैठक में हुए सवाल जवाब को बड़ी घटना बनाकर सुधीर भाटी के खिलाफ एक बार फिर से क्या कोई नई साजिश रची जा रही है, क्या सुधीर भाटी को हटाने की खिलाफ साजिश रचने वालों में कुछ ऐसे लोग शामिल हैं जिनके लिए जिला अध्यक्ष का पद पार्टी के संगठन की मजबूती से ज्यादा बड़ा हो गया है ? क्या जिले में पार्टी के बड़े नेताओं की महत्वाकांक्षा अब एक युवा नेता पर भारी पड़ रही है जिसके चलते समाजवादी पार्टी 27 के चुनाव की जगह जिला अध्यक्ष के चुनाव की दौड़ में लग गई है ।