ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, बादलपुर स्थित एसटीपी पर पहले से ही कार्य आरंभ हो चुका है, और अब प्राधिकरण अपने कार्यालय से इन प्लांटों की निगरानी कर रहा है। यह पहल ‘नमामि गंगा’ परियोजना के अंतर्गत की जा रही है, जिसका उद्देश्य जल गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण नियंत्रण को बढ़ावा देना है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवर विभाग को सभी एसटीपी में तुरंत ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। सीवर विभाग ने इस दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं और पहले चरण में बादलपुर की दो एमएलडी क्षमता के एसटीपी पर इसे लागू किया गया है। अगला लक्ष्य सेक्टर ईकोटेक दो और तीन स्थित एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग से लैस करना है, जहां क्रमशः 15 और 20 एमएलडी की क्षमता है। इन पर ऑनलाइन सिस्टम लगाने का कार्य अगले दो सप्ताह में पूरा किया जाएगा।
कासना स्थित 137 एमएलडी क्षमता के एसटीपी पर एक माह के अंदर ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की योजना है, जिसके लिए टेंडर जारी किया जा चुका है। एक एसटीपी पर इस प्रणाली को लागू करने में लगभग 30 लाख रुपये का खर्च आएगा, जिसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा वहन किया जाएगा। वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा ने कहा, “ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम से प्राधिकरण के अधिकारी अपने कार्यालय से ही सभी महत्वपूर्ण डेटा की निगरानी कर सकेंगे। बीओडी-सीओडी की मात्रा की जानकारी अब आसानी से प्राप्त हो सकेगी।”
यह सिस्टम प्रत्येक एसटीपी पर छह मोबाइल या लैपटॉप से कनेक्ट हो सकता है, जिससे प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, ठेकेदार, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नमामि गंगा परियोजना से जुड़ी अथॉरिटी मिलकर इसकी मॉनिटरिंग कर सकेंगी। यह प्रणाली न केवल जल शोधन प्रक्रिया की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि भविष्य में जल प्रदूषण के संभावित खतरों को भी कम करने में सहायक होगी।