आशु भटनागर । ग्रेटर नोएडा पानी की समस्याओं पर लगातार प्रभावशाली तरीके से काम कर रहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने 2041 के मास्टर प्लान में किस तरीके से आने वाले समय में पेयजल और सीवर की समस्याओं का सामना दोबारा ना करना पड़े, इसके लिए विशेषज्ञ सलाहकार की तलाश करना शुरू कर दिया है । इस काम के लिए तीन करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्राधिकरण ने बाकायदा विज्ञापन जारी कर सक्षम फर्म या संस्थाओं से प्रस्ताव मांगे हैं।
अपने जन्म के समय के कुछ समय पश्चात ही बीमार और भारी कर्ज में हो गए प्राधिकरण की आर्थिक सेहत सुधारने में लगे मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने अब शहर की भविष्य की आधारभूत जरूरतों को दुरुस्त करने का भगीरथ प्रयास आरंभ कर दिया है । कार्यभार संभालने के बाद से रवि कुमार एनजी ने न सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया है बल्कि गांव के लिए विशेष फंड बना उसके ब्याज से दशा सुधारने और रुके हुए प्रोजेक्ट्स के लिए पुनः अधिग्रहण करने जैसी कई योजनाओं को कार्यबद्ध किया है इसके साथ ही अब उन्होंने भविष्य की पेयजल योजना पर गंभीरता से काम करना शुरू किया है । इसके लिए बाहर से विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त किया जाएगा और इसके क्रम में बुधवार को विज्ञापन जारी कर सक्षम संस्थाओं से प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार प्राधिकरण सलाहकार विशेषज्ञ पर तीन करोड़ रुपए खर्च करेगा।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने एनसीआर खबर को बताया कि प्राधिकरण द्वारा प्रथम फेज के शहर के विकास के लिए 2041 तक का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। आने वाले समय में शहर की पेयजल और सीवरेज की सुविधाएं निर्बाध तरीके से चलें, इसके लिए प्राधिकरण विशेषज्ञ सलाहकार की सेवा लेने की तैयारी कर रहा है। तीन फेज में होने वाले इस परियोजना में विशेषज्ञ नियुक्त होने के बाद पहले फेज में उनसे संबंधित विषय पर विशेष रिपोर्ट मांगी जाएगी। दूसरे फेज में रिपोर्ट पर सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चाएं होंगे और आगे के कार्यों के लिए संबंधित एजेंसीज के चयन से लेकर एग्जीक्यूशन तक के कार्य किए जाएंगे तीसरे चरण में सिस्टम को लागू करना शुरू किया जाएगा ।