उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहने वाले गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट में क्या इन दिनों अमीरों के कानून और गरीबों के कानून अलग-अलग हो गए हैं । सेक्टर 18 जैसे पाश सेक्टर में बने गार्डन गैलरिया मॉल में अक्सर शराब पीकर झगड़ो के बाद अब फायरिंग की घटना से इस बात के प्रश्न उठने लगे हैं ।
उस पर भी मामला अगर इतना हाई प्रोफाइल हो कि उससे बीजेपी का नाम जुड़ा हो तो यह प्रश्न अपने आप खड़े हो जाते हैं। रविवार को गार्डन गैलरिया मॉल में फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के मेरठ मंडल के कोषाध्यक्ष संचित बंसल के तौर पर हुई है । जबकि संचित के पिता राजीव बंसल वर्तमान में बीजेपी बुलंदशहर के जिला उपाध्यक्ष हैं और खुर्जा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन होने के अलावा खुर्जा-बुलंदशहर पोल्ट्री एसोसिएशन के भी पूर्व अध्यक्ष रहे हैं।

ऐसे में नोएडा के पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से प्रश्न उठने पूछे जाने आवश्यक हैं कि क्या सत्तारूढ़ दल बीजेपी से जुड़े होने की हनक इस पूरे मंडल के नेताओं और उनके बच्चों में इतनी ज्यादा हो गई है कि उनको नोएडा जैसे शहर में भी सरेआम फायरिंग करने और तोड़फोड़ करने में किसी तरह का संकोच नही है और क्या सत्ता की धमक रखने वालों को कानून को जूते की नोंक पर रखने का लाइसेंस है ?
प्रश्न यह भी है कि आखिर गार्डन गैलरिया मॉल में आरोपी लाइसेंस रिवाल्वर लेकर पहुंचा कैसे? क्या वहां की सिक्योरिटी जांच आदमी का रुतबा या सत्ता की हनक को देखकर बदल जाती है । सवाल पुलिस के कार्यवाही पर भी है कि क्या सत्ता से जुड़े होने के कारण आरोपी के रिवाल्वर का लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा ।
गार्डन गैलेरिया मॉल की पार्किंग में हुई घटना में त्वरित कार्यवाही करते हुये तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
मनीष कुमार, एडीसीपी नोएडा
गार्डन गैलरिया में इन दिनों लगातार आपसी झगड़ों की घटनाएं आम हो चुकी हैं। नोएडा को गुड़गांव बना देने का दावा करने वाले मॉल में आने वाले लोग आम तो नहीं होते हैं। बीते दिनों इसी मॉल में एक लड़की से दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा उसका रेट पूछने की घटना हुई थी तब भी बड़ा विवाद हुआ था ।
इससे पहले नोएडा के सबसे चर्चित गैंगस्टर रवि काना के प्रकरण में भी पीड़ित लड़की ने यही आरोप लगाया था कि आरोपी उसे गार्डन गैलरिया मॉल की पार्किंग में ले गए थे जहां बंदूक दिखाकर उसके साथ गैंगरेप किया गया । और वहीं से रवि कान्हा के साम्राज्य का पतन होना आरंभ हुआ ।
ऐसे में 1 वर्ष से ज्यादा समय बचने के बावजूद क्या नोएडा पुलिस कमिश्नरेट अभी तक गार्डन गैलरिया मॉल के संदिग्ध कार्यकलापों पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है, क्या यह मॉल सत्ता के दबंगों का ऐशगाह बनकर रह गया है ।
पूरे शहर में बिल्डर के खिलाफ आवाज रहे उठा रहे लोगों या आवारा कुत्तो से काटे जाने पर अक्सर आवाज़ उठाने वाले पीड़ित पर 107/16 के केस लगाकर उन्हें 6 महीने के लिए बाधित करने वाली नोएडा पुलिस आखिर ऐसे बड़े मामलों पर बेबस क्यों नजर आ रही है । नोएडा के पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को शहर में उनके द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों के बावजूद इस तरीके के कार्यों के सामने आने से जहां एक और कई प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा, वही उन पर यह जिम्मेदारी भी आती है कि वह शहर में होते इन हाई प्रोफाइल अपराध पर सख्त कार्यवाही करें नहीं तो उनके द्वारा जनता के लिए किया गया अच्छे काम इनके गुबार में उड़ जाएंगे।