बैकफुट पर आए अखिलेश, अपने नेताओ को कांग्रेस के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी ना काटने के निर्देश, मिलकर लड़ेंगे 2024 का चुनाव

NCRKhabar Mobile Desk
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मध्य प्रदेश में चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर आक्रामक हुए अखिलेश यादव के तेवर ठंडे पड़ते दिखाई दे रहे हैं अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को स्पष्ट कहा कि वह कांग्रेस के बारे में अनर्गल बयानों पर रोक लगाये । अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे कांग्रेस की बात माननी पड़ेगी। कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व ने मैसेज भिजवाया है. अखिलेश के निर्देश के बाद आईपी सिंह ने ट्वीट डिलीट किया है । अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ अनर्गल ट्वीट ना करें।

स्मरण रहे कि इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस चाहेगी तो गठबंधन बरकरार रहेगा। राहुल गांधी ने बात करने के लिए मैसेज कराया है।

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इससे पहले अखिलेश यादव ने स्वयं मध्य प्रदेश में कमलनाथ से सीटों के बंटवारे पर बात न बनने के बाद तमाम ऐसे बयान दिए थे जिनका राजनीति में जल्दबाजी माना गया अखिलेश यादव ने कमलनाथ का गुस्सा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर उतरते हुए उन्हें चिरकुट नेता तक बता दिया आरंभ में कांग्रेस नेताओं ने इस पूरे प्रकरण पर सौम्यता दिखाते हुए अखिलेश से संयम बरतने की बात कही किंतु फिर कांग्रेस के अंदर अखिलेश के बयानों को लेकर दबाव बढ़ने लगा।

आचार्य प्रमोद कृष्ण ने अखिलेश यादव को उनके बयानों पर राजनीति की सुचिता याद दिलाई । इसी बीच समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने अखिलेश यादव से और दो कदम आगे जाकर मर्यादा की सारी सीमाएं लांघनी शुरू कर दी ।

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समाजवादी प्रवक्ता आईपीएस सिंह ने तो राहुल गांधी को मंदबुद्धि बता दिया और कमलनाथ की जाती के आधार पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी राजीव राय ने कमल छाप कमलनाथ कहा तो समाजवादी प्रवक्ता राजकुमार भाटी भी कांग्रेस को ललकारने में से नहीं चुके । उन्होंने कहा कि अजय राय जैसे चिरकुट नेता की इतनी हैसियत नही है कि वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव जी के बारे में टिप्पणी करे l यदि कॉंग्रेस ऐसे चिरकुटों के बल पर पुनर्जीवन का सपना देख रही है तो उसकी सोच पर तरस ही खाया जा सकता है l

एनसीआर खबर से बातचीत में समाजवादी प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा कि गेंद अब कांग्रेस के पाले में हैं चुनाव के लिए गठबंधन पर फैसला उन्हीं को लेना है।

किंतु जिस तरीके से अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं को अब अपने ट्वीट्स और बयानों पर नियंत्रित करने को कहा है । उसे लगता है कि जल्दबाजी में आगे बढ़ गए अखिलेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के फोन के बाद बैक फुट पर आ गए हैं राजनीति के इस सौदेबाजी के खेल में किसको बड़ा फायदा होगा और किसको नुकसान यह आने वाले दिनों में पता लगेगा ।

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