नोएडा में आरडब्ल्यूए पर वर्चस्व की लड़ाई एक आम समस्या बन चुकी है पूरे जिले में हर सेक्टर के आरडब्ल्यूए में काम की जगह वर्चस्व और गुटबाजी के चलते मतभेद और कानून को हाथ में लेने जैसी घटनाएं सामने आती रहती है । कई जगह एक-एक सेक्टर में दो-दो आरडब्ल्यूए काम कर रहे हैं । दोनों आरडब्ल्यूए के लोग नेताओं के साथ अपने संबंधों के नाम पर एक दूसरे के गलत बताते रहते हैं। तो कई जगह एक ही आरडबल्यूए मे आपसी मतभेद मे लोग एक दूसरे के जान के प्यासे हो जाते है
स्मरण रहे कि आरडब्ल्यूए के संबंध में एक आरटीआई के प्रतिउत्तर में प्राधिकरण की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि इन आरडब्ल्यूए की प्राधिकरण की ओर से कोई मान्यता नहीं है यह एक एनजीओ मात्र है । फिर भी इन छुटभैया नेताओं के अहंकार में कोई कमी नहीं आती है। शहर मे विपक्ष के कई लोगों के आरोप तो यहां तक हैं कि नोएडा में अधिकतर आरडब्ल्यूए कदाचित भाजपा सांसद के लिए प्रचार के काम करने के लिए बनी है, हर महीने सांसद इनके किसी कार्यक्रम के सहारे अपना प्रचार कर रहे होते है जबकि विपक्ष के नेताओ को सेक्टरों मे घुसने नहीं दिया जाता है I उन्हीं के संरक्षण में इन लोगों की हिम्मत इतनी बढ़ जाती है जिससे यह कुछ भी गलत करने से नहीं डरते है । स्थिति इतनी विद्रूप है की सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत बनी इन आरडबल्यूए की कोई वैबसाइट नहीं है ओर कोई भी डाटा सार्वजनिक नहीं है ऐसे मे इनके द्वारा किए गए कार्यो का कोई विस्तृत विवरण कभी भी सामने नहीं आ पाता है I किन्तु सत्ता के संरक्षण मे सब पाप पुण्य हो गए है
ऐसा ही एक नया प्रकरण सेक्टर 11 में भी आया है जहां 4 महीने पहले चुनी गई आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अंजना भागी को अनाधिकृतकृत तौर पर कानून विरुद्ध जाकर विरोधी गुट ने हटा दिया और वाइस प्रेसिडेंट को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया ।
इस पूरे चुनाव की सबसे महत्वपूर्ण बातें थी कि कई वर्षो से जमे लोगो के विरोध में 4 महीने पहले हुए हुए इस चुनाव में सेक्टर 11 के लोगों ने अंजना भागी को अध्यक्ष पद के लिए मत देकर चुना था लोगो के अनुसार दो तरीके से आरडब्ल्यूए के चुनाव किए जाते हैं एक मे सारे चुनाव मेंबर्स के होते हैं जिसमें मेम्बर्स के बहुमत या वोटो के आधार पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष सचिन और कोषाध्यक्ष का चुनाव होता है दूसरे प्रकरण में अध्यक्ष सचिव कोषाध्यक्ष उपाध्यक्ष के पदों के लिए जनता द्वारा स्वतंत्र चुनाव होता है जिसके बाद यह माना जाता है कि चुने गए व्यक्ति अपना कार्यकाल पूरा करने तक कार्य करेंगे किंतु वर्षों से सेक्टर 11 की आरडब्ल्यूए पर विरोधी ग्रुप ने अध्यक्ष को ही नियम विरुद्ध जाकर हटा दिया
एनसीआर खबर से बातचीत में अंजना भागी ने बताया की उनके अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही यह पूरा ग्रुप बहुत परेशान था, चूंकि इनका अध्यक्ष प्रत्याशी ही हार गया था इसलिए तब से ही यह लगातार अध्यक्ष के काम करने में रोड़े अटका रहे थे लगातार पहली बार बनी महिला अध्यक्ष को परेशान किया जा रहा था कभी भी कोई व्यक्ति संस्था के लिए बने निर्गत समय की जगह शाम को मीटिंग कॉल कर लेता था जबकि मीटिंग कॉल करने का अधिकार अध्यक्ष के पास होता है।
सोशल मीडिया पर अंजना भागी को गैर कानूनी तरीके से हटाए जाने के समाचार के बाद लगातार जबरदस्त समर्थन मिल रहा है मिल रहा है । लोगों ने पितृ सत्तावादी सोच के लोगों को इसका कारण बताया है ओर कहा है कि भ्रष्टाचारी लोगों को अंजना भागी की कर्तव्यनिष्ठ, नैतिक, निष्कलंक, सिद्धांतवादी शैली बर्दाश्त नहीं हो पाई
अंजना भागी ने एनसीआर खबर को बताया कि विरोधी गुट उनकी परमिशन के बिना सेक्टर 11 में एक मेले का आयोजन भी कर रहा है । जिसके लिए कोई बुकिंग नही की गई है, और कोई भी परमिशन पुलिस से नहीं ली गई हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे प्रश्न उठाए थे ऐसे में उनको रास्ते से हटाने के लिए ऐसे काम कर दिए । अंजना भागी ने इस प्रकरण पर कानूनी प्रक्रिया में जाने के संकेत दिए है ।