बेलाग लपेट : केदारनाथ में राहुल वरुण के मिलन के राजनैतिक निहितार्थ, मिलकर पूरा करेंगे मोदी, योगी और अखिलेश को हराने के सपने

आशु भटनागर
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आशु भटनागर । राजनिति में कभी कभी कुछ मुलाकाते अचानक होती है, कुछ को अचानक बनाया जाता है । केदारनाथ में वरुण गांधी और राहुल गांधी की मुलाकात के बाद राजनीतिक चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है ।

राहुल गांधी की तीन दिवसीय केदारनाथ यात्रा के अंतिम दिन जिस तरीके से वरुण गांधी भी केदारनाथ पहुंचे उसके संयोग और प्रयोग होने की संभावनाएं बढ़ गई है यद्यपि राहुल गांधी ने कुछ समय पहले वरुण गांधी की विचारधारा को लेकर कहा था कि वह लोग एक नहीं हो सकते हैं किंतु केदारनाथ में वीआईपी दीर्घा में बैठे वरुण गांधी के पास जिस तरीके से राहुल गांधी पहुंचे और उनकी पुत्री से गर्मजोशी से मिले । उस दोनों परिवार के बीच एक नए समीकरण की शुरुआत को भी से इनकार नहीं किया जा सकता है।

कदाचित राजनीतिक उठा पटक के दौर में मोदी से राहुल गांधी भी पीड़ित हैं और मोदी से ही वरुण गांधी भी पीड़ित हैं। ऐसे में भाजपा में हाशिए पर आए और बीते 3 साल से लगातार आलोचना कर रहे वरुण गांधी के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बागडोर संभालना 2024 की राजनीति में स्थानीय छत्रपो पर गहरा प्रभाव हो सकता है ।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिस तरीके से बीते तीन-चार दिनों में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए गठबंधन तोड़ने की बात की है । उसके बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सामने मजबूत दावेदारी के लिए वरुण गांधी जैसा चेहरा और नेता के होने से कांग्रेस की स्थिति बदल सकती है और राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को कड़ी टक्कर देने के अपने मिशन पर ज्यादा बेहतर ध्यान दे सकते हैं

ऐसे में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे वरुण गांधी के लिए 2027 में कांग्रेस के जरिए ही मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो सकता है । तो राहुल गांधी के लिए 2029 तक पी एम बनने के अपने सपने को पूरा करने का मौका लग सकता है ।

ऐसे में केदारनाथ की पवित्र भूमि पर क्या दोनों भाइयों के बीच के संबंधों के बीच जमी बर्फ पिघल कर नई गंगोत्री का निर्माण करेगी या फिर यह मुलाकात महज एक बहाना बंद कर रह जाएगी यह आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा ।

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आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(रु999) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे