लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में भाजपा सांसदों के बीच जो उहापोह की स्थिति थी वह तीन राज्यों में मिली जीत के बाद मोदी की नई रणनीति या फिर यूं कहे कि मोदी की गारंटी ने समाप्त कर दी है । भाजपा के सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में से करीब 35 से 40 ऐसी सीट हैं जिन पर पार्टी नए प्रत्याशी उतारने जा रही है। जिसके बाद पार्टी के कई सांसदों की नीद उड़ गई है ।
भाजपा के सूत्रों की माने तो पार्टी आने वाले लोकसभा चुनावो में सांसदों को पुनः टिकट देने के लिए तीन मापदंडों पर काम कर रही है इसमें पहले मापदंड के तहत उन सांसदों का नंबर कटने जा रहा है जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा है । इसके बाद पार्टी उन सांसदों का भी टिकट काट सकती है जो मोदी लहर में 2014 और 2019 में लगातार जीतने के बाद तीसरी बार टिकट का सपना देख रहे हैं । तीसरे मापदंड के अनुसार उन सांसदों का टिकट भी कट सकता है जिनको लेकर संगठन और क्षेत्र की जनता में विरोध है । पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि तीन राज्यों में मिली जीत के बाद अपनी अपनी सीटों पर सौदेबाजी और दबाव की राजनीतिक के जरिए टिकट पाने की इच्छा पाने वाले कई बड़े दिग्गजो के समीकरण अब गड़बड़ा गए है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब इन चुनावों में वो मनचाहे चेहरों को टिकट दे सकते हैं ।
जानिए किस क्षेत्र में कितनी सीटों पर बदले जा सकते हैं सांसद, पश्चिम की क्या है स्थिति
उत्तर प्रदेश में जिन 35 से 40 सीटों पर सांसदों के टिकट बदले जाने की बात हो रही है उनमें 10 से 12 सीट पश्चिम यूपी और ब्रज की है। 5 सांसद करीब बुंदेलखंड में बदले जा सकते है । पूर्वांचल में भी लगभग 15 टिकट बदले जाने वाले हैं वही अवध में भी 5 से 7 के करीब नए प्रत्याशी उतारे जाएंगे ।
स्मरण रहे कि संगठनात्मक स्तर पर पश्चिम क्षेत्र में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के 14 लोकसभा क्षेत्र हैं। इनमें से भाजपा के पास वर्तमान में आठ सीटें हैं। 6 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है। वहीं ब्रज क्षेत्र में आगरा-अलीगढ़ और बरेली मंडल की कुल 13 सीटें हैं। इनमें से भाजपा के पास मैनपुरी छोड़कर बाकी 12 सीटें हैं।
नए चेहरों को मिलेगी कमान, सांसदो के चुनाव पर क्या है बीजेपी की नई नीति
लोकसभा चुनाव में सांसदों के टिकट के लिए नए मापदंड क्या होंगे इसको लेकर भी भाजपा में स्थिति अब स्पष्ट होती जा रही है संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के अनुसार मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरीके से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री का चुनाव करते हुए उनके संघ और एबीवीपी से जुड़े बैकग्राउंड को ध्यान में रखा है उसे यह संदेश स्पष्ट हो रहा है की इन चुनावों में जिनको टिकट मिलेगा उसमें संगठन से जुड़े युवा नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी इसी चुनाव में 30% महिलाओं को भी टिकट देने की पहल कर विपक्ष को पहले राउंड में रणनैतिक तौर पर पीछे कर सकते हैं।इसके साथ कुछ मौजूदा मंत्रियों और वर्तमान आईएएस अधिकारियों को भी चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा है ।
माना जा रहा है जिन मौजूदा विधायकों, मंत्रियों को टिकट दिया जा सकता है उनमें उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक, पंकज सिंह ,असीम आनंद, सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, शलभ मणि त्रिपाठी के नाम हो सकते है ।