उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को PDA के बलबूते जबरदस्त चुनौती देने का दावा करने वाले अखिलेश यादव गौतम बुध नगर सीट पर गंभीर हैं या फिर भाजपा के मजबूत दमदार प्रत्याशी डा महेश शर्मा के सामने सरेंडर कर चुके हैं I गौतम बुध नगर में ऐसी चर्चाओं को इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बुधवार को एक बार फिर से अखिलेश यादव गौतम बुद्ध नगर आ रहे हैं, किन्तु वो यहाँ किसी चुनावी रैली की जगह एक विवाह समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे और नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ चौराहो पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका स्वागत भी किया जाएगा ।
जिले में फ्लैट रजिस्ट्री, मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन के लिए आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि शहर का दुर्भाग्य यह है कि विपक्ष के नेताओं को भी लोगों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है । जातीय राजनीति में उलझे यह नेता आम जनता की समस्याओं पर संवेदन हीन है
हैरानी की बात यह है कि नोएडा और गौतम बुध नगर दोनों ही जिला अध्यक्षों और उनकी पर टीम की तरफ से मीडिया को ऐसी कोई विवरण भी प्रदान नहीं किए गए हैं जिसमें अखिलेश यादव के गौतम बुद्ध नगर आगमन की जानकारियां स्पष्ट तौर पर दी गई हो । समाजवादी पार्टी के सूत्रों की माने तो जहां-जहां अखिलेश यादव का स्वागत समारोह होना है वह अखिलेश यादव के साथ सीधे जुड़े कुछ नेताओं के व्यक्तिगत स्वागत समारोह हैं । ऐसे में जिले में भारतीय जनता पार्टी के मजबूत प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा को हराने का सपना देख रहे लोगों के सामने क्या समाजवादी पार्टी ने पहले ही सरेंडर कर दिया है या फिर वाकओवर दे दिया है ?
इसे डॉक्टर महेश शर्मा की कार्य कुशलता कहें या राजनैतिक कुशलता कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के बड़े महासचिव के साथ एलाइनमेंट करके पहले ही इस सीट पर सपा द्वारा उनको वाकओवर देने का अपना दांव चल दिया है । डॉ महेश शर्मा इससे पहले भी 2014 में कांग्रेस के प्रत्याशी को आखिरी चरणों में भाजपा में शामिल करने के खेल से जीत हासिल कर चुके हैं।
आपको बता दें कि गौतम बुध नगर समाजवादी पार्टी के एक नेता ने एक वर्ष पहले डॉ महेश शर्मा और समाजवादी पार्टी के महासचिव के बीच मुलाकात के दावे किए थे और कहा था कि डॉक्टर महेश शर्मा समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं किंतु अब गौतम बुद्ध नगर में इस सीट पर सपा चुनावी तैयारी को शून्य देखकर ऐसा लग रहा है कि डॉ महेश शर्मा ने तीसरी बात टिकट लेकर न सिर्फ भाजपा में अपनी मजबूती दर्ज की है बल्कि समाजवादी पार्टी से अपने संबंधों को इस्तेमाल कर यहां पर उनसे वाकोओवर लेकर अपनी जबरदस्त जीत को सुनिश्चित करने का पूरा प्लान बना लिया है।
समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई पहले ही इस सीट पर हाथ खड़े कर चुकी है विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से कोई भी पार्टी नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है एनसीआर खबर ने चुनाव के बारे में गौतम बुध नगर में समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी से जब बातचीत की तो उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में इनकार किया । पार्टी में फिलहाल सबको यह लगता है कि इस शहरी सीट पर भाजपा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के सामने जीत पाना असंभव है बीते 2 वर्षो में पार्टी ने ज़मीनी स्तर पर कोई आन्दोलन नहीं किया है , शहरी लोगो से उनका संपर्क शून्य है, शहरी क्षेत्र में सरफ्फ्बाद, गढ़ी चौखंडी और पतवारी जैसे गाँवों में यादव समुदाय खुल कर सपा की जगह भाजपा का स्वागत कर रहा है I पार्टी संगठन की दुर्दशा का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की पार्टी ने अब तक शहरी सीटों पर बूथ पर 10 लोगों पर नाम तक नहीं लिखे जा सके है ।
गौतम बुध नगर के राजनीतिक चर्चाओं में यह भी कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव इस सीट को पहले आरएलडी को देने का प्रयास कर रहे थे । आरएलडी के एनडीए में जाने के बाद कांग्रेस को भी इसे ऑफर किया गया किंतु कांग्रेस द्वारा यहां पर असमर्थता जताने के बाद अब यह सीट आम आदमी पार्टी को गठबंधन के तौर पर गिफ्ट की जा सकती है । ऐसे में अखिलेश यादव गौतम बुध नगर को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और यही कारण है कि मुख्यमंत्री रहते कभी यहां ना आने वाले अखिलेश यादव बीते साल भर से जब भी गौतम बुद्ध नगर आए हैं तो वह अपने किसी समर्थक के परिवार के मूर्तियों के उद्घाटन में आए हैं या फिर यहां किसी की शादी में भाग लेने आए हैं और ऐसा ही बुधवार को भी होने जा रहा है जब अखिलेश यादव फिर से गौतम बुध नगर में चौहानपुर स्थित एक बैंक्विट हॉल में आ रहे हैं। ऐसे में पश्चिम में पार्टी चुनाव में क्या कर पाएगी या क्या करने जा रही है इसका आंकलन सहज ही किया जा सकता है I