निरजंन धुलेकर । आपने भी देखा है कि मोदी जी आजकल बार बार और पूरे आत्मविश्वास और आक्रामकता के साथ जो यह घोषणा कर रहे हैं कि अगली बार चार सौ पार ।
ये एक ऐसा दाँव है जो छोटे विपक्षी दलों के नेताओं को यह सोचने को मजबूर कर रहा है कि हम आने वाले चुनाव में करोड़ो रूपये पैसा ख़र्चा कर दौड़ धूप करेंगे पर आएगा तो मोदी ही , तो क्यों न वक़्त रहते पाला बदल लें !
वो यह सोचने को भी मजबूर कर दिए गए हैं कि पक्ष में होंगे तो फायदा हो न हो , नुकसान होने से ज़रूर बच जाएंगे क्योंकिं अगले और अपने आख़िरी टर्म के पांच साल में मोदी इन बचे खुचों को छोड़ने वाला तो बिल्कुल नहीं ।
इन दलों को अपने अस्तित्व को बचाये रखने की चिंता करने को भी मोदी जी ने बाध्य कर दिया जैसे पूछ रहे हो कि ‘ तेरा क्या होगा कालिया ? ‘
केरल और बिहार के बाद , आंध्र प्रदेश की टीडीपी अब बीजेपी के साथ आ रही , यूपी में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल भी मिलने की तैयारी में है और खबर यह भी आयी है कि पंजाब का अकाली दल भी फेरे में पड़ गया है ।
महाराष्ट्र में शरद पवार से उनकी घड़ी औऱ पार्टी छिन गयी और अब वो सुप्रीम कोर्ट के फेरे लगाएंगे और उद्धव ठाकरे बिलबिलाने के अलावा कुछ नही कर पा रहे । इन दोनों से निपटने के लिए बीजेपी , शिंदे के संग अजित पवार उप मुख्यमंत्री बन डट गए हैं ।
कर्नाटक में कॉंग्रेसी कद्दावर और प्रभावशाली नेता जगदीश शेट्टर बीजीपी में आ मिले और उपमुख्य मंत्री पहले से ही अकूत सम्पदा के चलते ईडी के लपेटे में हैँ । कर्नाटक में बहुत बड़ी संख्या में पढ़े लिखे व आईटी प्रोफेशनल्स रहते हैं जिनका केंद्र में सरकार हेतु झुकाव मोदी जी की तरफ ही है ।
कॉंग्रेस की नैया पप्पू गुड्डन खुद्दयी डुबोने पर आमादा हैं और दीदी ने पहले ही पप्पू से कन्नी काट ली और लेफ्ट की तो वो पुरानी दुश्मन है ।
यूपी में सपा को बाबा बुलडोजर ने चौपट कर रखा और मायावती जी अपना पर्स उठा कॉंग्रेस और सपा के वोट काटने अकेली ही चल पड़ीं हैं ।
एमपी छतीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी सरकार के आने से यहाँ के कार्यकर्ताओं का मोराल हाई है और पढालिखा जनाधार भी मोदी जी के साथ है ।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी पर घोटालों की झाड़ू मार मार कर दम निकाले हुए हैं जिसका तमाशा दिल्ली वाले भी देख रहे और उधर लालू पार्टी पर कोर्ट ईडी में पेशियां बढ़ती जा रही हैं । नीतीश बाबू की पकड़ आज भी बिहार में अच्छी खासी है और जेएमएम का साथ भी है ।
ओडिशा में बीजेपी के प्रति विरोध उतना तीव्र नही जितना पड़ोसी राज्यो में है ।
तामील नाडु , केरल , बंगाल , झारखंड , आंध्र व तेलंगाना में भी बीजेपी को कुछ न कुछ फायदा निश्चित ही होगा क्योंकि यह केंद्र का चुनाव है , प्रदेश का नहीं ।
मोदी जी यदि आ गए तो अगले पाँच वर्षों में क्या क्या होगा यह सोच सोच कर रात को विपक्षी सो नही पा रहे ।
विपक्ष की एक चिंता यह भी है कि आज देश के हर कोने में हर धर्म व हर जाति के गरीब के घर मे मोदी जी का प्रत्यक्ष रूप में दिया कुछ न कुछ अवश्य है , ऊपर से प्रभु श्रीराम जी का आशीर्वाद भी मिल गया ।
बुद्धि के आगे बल बेहाल !
बेड़ा करेगा चार सौ पार !
लेख में दिए विचार लेखक के है, एनसीआर खबर का सहमत होना आवश्यक नही है