आशु भटनागर I गौतम बुध नगर में डॉक्टर महेश शर्मा का जलवा कितना बड़ा है? इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बावजूद 36 घंटे बाद तक चुनाव को लेकर पार्टी द्वारा कोई अधिकृत जानकारियां मीडिया को नहीं दी गई हैI स्वयं प्रत्याशी ने आकर अब तक कोई ब्रीफिंग मीडिया के साथ नहीं की है। 36 घंटे बाद भी पार्टी से प्रत्याशी को लेकर बहुत बड़ा हंगामा न होने से ऐसा लग रहा है की या तो पार्टी ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है या फिर समाजवादी पार्टी और घोषित प्रत्याशी दोनों को अभी तक इस सीट पर संशय बना हुआ है। सोमवार सुबह से सपा कार्यकर्ताओं तक के फोन स्विच ऑफ आ रहे हैं या फिर उठाए नहीं जा रहे हैं ।
सपा के सूत्रों की माने तो पार्टी के प्रत्याशी घोषित होने के बाद से पूरी पार्टी असहज है । कांग्रेस से आए डॉ महेंद्र नगर को प्रत्याशी बनाए जाने से जिले में उनके विरोध की आज लखनऊ दरबार तक पहुंच चुकी है । बताया तो यह भी जा रहा है कि डा महेंद्र नगर स्वयं टिकट लाने के बाद खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं ।
समाजवादी पार्टी के एक पूर्व प्रत्याशी ने तो यहां तक दावा किया है कि डॉक्टर महेंद्र नागर का टिकट अगर नहीं बदला तो जिले में भीतरघात की सम्भावना बन रही है । ऐसे में इसे रोकने के लिए सोमवार को लखनऊ में अखिलेश यादव कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं । सपा सूत्रों की माने तो सुबह 11:00 बजे लखनऊ में एक मीटिंग होने जा रही है इसके बाद गौतम बुद्ध नगर के टिकट पर पुनर्विचार का फैसला हो सकता है ।
भाजपा की बांछे खिली, डा महेंद्र नगर को बताया डमी प्रत्याशी
वही डॉक्टर महेंद्र नगर के टिकट की घोषणा होने के साथ ही जिले में भारतीय जनता पार्टी की बांछे खिल गई हैं। पार्टी ने कमजोर प्रत्याशी के उतारे जाने को लेकर यह दावा तक किया कि अब डॉक्टर महेश शर्मा को 10 लाख वोटो से जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।
भाजपा गौतम बुध नगर जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी ने एनसीआर खबर को बताया कि महेंद्र नगर मिल्क लच्छी गांव के बेटे हैं और मैं उस गांव का दामाद हूं । ऐसे में डॉ महेंद्र नगर अपने गांव से भी वोटो में जीत जाएं तो उनके लिए बहुत बड़ी जीत होगी । उन्होंने बताया कि पूरे गांव ने उनके अध्यक्ष बनने पर भाजपा को रिकॉर्ड वोटो से जीतने का भरोसा गांव में हुए बड़े कार्यक्रम में किया था ।
वही सोशल मीडिया पर भाजपा इनफ्लुएंसर और पूर्व बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने डॉक्टर महेंद्र नागर के टिकट घोषित करने को अखिलेश यादव की हार बताते हुए लिखा कि डॉक्टर महेंद्र नागर अगर कुल वोटो का 10% भी ले आए तो यह उनकी जीत समझी जाएगी ।
रोचक तथ्य यह है कि डॉ रमेश तोमर और डॉक्टर महेंद्र नगर दोनों की कहानी लगभग एक से मिलती है डॉ रमेश तोमर भी पहले भाजपा में थे फिर कांग्रेस में चले गए थे फिर मतदान से 2 दिन पूर्व भाजपा में आ गए जबकि डॉ महेंद्र नगर के बारे में कहा जा रहा है कि पहले यह कांग्रेस में रहे हैं उसके बाद यह राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस में दो बार जिला अध्यक्ष बनाए गए और उसके बाद विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर समाजवादी पार्टी में चले गए । और समाजवादी पार्टी के कई लोग डॉक्टर महेंद्र नगर के टिकट से इसीलिए खुश नहीं है।
जिले की चर्चित कांग्रेस नेत्री पारूल चौधरी ने तो सोशल मीडिया पर यहां तक लिख दिया गौतम बुध नगर चुनाव में उम्मीदवारों की सूची देखकर चुनाव नतीज़ा सिर्फ एक ही दिशा में हो चला है। गठबंधन को इतनी मेहनत करने के बाद भी यही उम्मीदवार मिले । गठबंधन से जनता ने बेकार ही उम्मीदे रखी ।
ऐसे में सोमवार को अखिलेश यादव क्या वाकई कोई बदलाव करने जा रहे हैं या फिर यह डॉक्टर महेंद्र नगर के टिकट से नाखुश लोगों के कारण जिले में चर्चा हो रही है यह देर शाम तक पता चल जाएगा ।