राजेश बैरागी । गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर इस बार कैसा चुनाव होने की संभावना है? क्या दो बार के सांसद डॉ महेश शर्मा को किसी अन्य पार्टी प्रत्याशी से कोई गंभीर चुनौती मिल सकती है? समाजवादी पार्टी के आज घोषित प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर क्या वास्तव में जीतने के लिए चुनाव लडेंगे या मात्र पहचान बनाने का प्रयास करेंगे?
उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में शुमार गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने दो बार के सांसद और मोदी सरकार एक में मंत्री रहे डॉ महेश शर्मा को फिर एक बार प्रत्याशी बनाया है। अभी तक वही अकेले प्रत्याशी थे जिनके नाम की विधिवत घोषणा हुई थी। आज केंद्रीय चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा की और इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज उठी है।
आज ही समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी के रूप में डॉ महेंद्र नागर के नाम की घोषणा कर दी। डॉ महेंद्र नागर गौतमबुद्धनगर की दादरी तहसील के सादुल्लापुर गांव के मूल निवासी हैं। चिकित्सा के साथ उनकी राजनीति में गहरी रुचि है।उनका गाजियाबाद में नागर हॉस्पिटल है।वे पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। 2022 में दादरी विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने कांग्रेस को टाटा कर दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते चुनाव लड़ना उनका लक्ष्य रहा है जो अब पूरा होने जा रहा है।
परंतु भाजपा के आक्रामक चुनाव अभियान,370 सीटें जीतने के लक्ष्य और सशक्त संगठन के समक्ष डॉ महेंद्र नागर भाजपा प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा को कितनी चुनौती दे सकते हैं?
उन्हें अपनी पार्टी के संगठन से कितनी सहायता मिलेगी?
क्या वे अपनी गुर्जर बिरादरी के साथ यादव और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट कर सकेंगे?
दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के तहत कांग्रेस यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी तो क्या कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और अब प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर को कांग्रेस का सहयोग प्राप्त हो पाएगा?
चुनाव मैदान में पहली बार उतरे डॉ महेंद्र नागर के लिए इन सभी प्रश्नों से पार पाना आसान नहीं होगा।