गौतम बुध नगर में लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लग गई थी ऐसे में आमतौर पर यह माना जा रहा था कि कहीं पर भी राजनीतिक होल्डिंग लगाना आचार संहिता का उल्लंघन करना है किंतु समाजवादी पार्टी के नोएडा महानगर अध्यक्ष आश्रय गुप्ता ने सोशल मीडिया पर शिकायत करते हुए बताया की गौतम बुध नगर में विभिन्न स्थानों पर भाजपा द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है जगह-जगह मोदी की गारंटी के होर्डिंग्स लगे हुए हैं इनमें महामाया फ्लाईओवर रजनीगंधा चौक नोएडा एक्सप्रेसवे समेत लगभग 30 स्थान पर होर्डिंग लगाए गए हैं। इन होर्डिंग्स में सीधा तौर पर मोदी की गारंटी के बाद कमल का बटन दबाए लिखा हुआ है । जिससे यह साफ माना जा रहा है कि यह क्षेत्र में भाजपा से चुनाव लड़ रहे डॉक्टर महेश शर्मा को लाभ पहुंचाने की सोची समझी रणनीति है।
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में कुल लगाए जा रहे होर्डिग को लगभग 20 दिन तक लगाए जाने पर 19 लाख रुपए का खर्च आ रहा है । और यह भाजपा की राष्ट्रीय प्रचार समिति के द्वारा क्षेत्र में लगवाए जा रहे हैं ।
सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद नोएडा प्राधिकरण ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा कि शहर में जहां-जहां मोदी की गारंटी के होर्डिग लगे हुए हैं वह सभी जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुमति के बाद लगाए गए हैं इसी के साथ इसकाव्या चुनावी खर्च में सम्मिलित किया जाएगा ।
बस यहीं पर आकर अब शहर के लोग चुनाव आयोग के एक बहुत बड़े झोल की भी चर्चा करने लगे हैं चुनावी विशेषज्ञ बता रहे हैं कि दरअसल प्रत्याशी का खर्च और राजनीतिक दलों का खर्च दोनों अलग-अलग हैं । प्रत्याशी के प्रचार की सीमा लोकसभा चुनाव में 95 लाख है जबकि पार्टी द्वारा किए जा रहे खर्चों की सीमा कोई नहीं है। ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि गौतम बुद्ध नगर में लग रहे होर्डिंग जानबूझकर पार्टी की ओर से लगाई जा रहे हैं जिससे यह सभी खर्च प्रत्याशी के खर्चे में ना दिखाये जाए, दावा है कि अघोषित तौर पर यह खर्च पार्टी नहीं प्रत्याशी के द्वारा ही किया जाएगा किंतु कानूनी तौर पर इसको पार्टी का खर्च दिखाकर चुनाव प्रचार किया जा रहा है ।
वहीं भाजपा के एक कार्यकर्ता ने एनसीआर खबर को बताया कि विपक्षी दल चुनाव में पहले ही अपनी हार मान चुके हैं और प्रचार के लिए कोई मेहनत नहीं करना चाह रहे हैं। पूरे क्षेत्र में विपक्षी दलों का कोई प्रचार नहीं दिख रहा है मीडिया खुद जाकर लोगों से पूछ सकती है कि विपक्ष के नेता आखिरी बार उनके पास मिलने कब आए थे। ऐसे में वह भाजपा के प्रचार को निशाना बनाकर आम भावनाओं को भड़का कर विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं जिससे आम जनता भाजपा को गलत मानकर उनका वोट दे दे किंतु देश की जनता विपक्ष के इन नाकाम कोशिशें को समझ चुकी है और भाजपा को ही वोट देगी ।