फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री,आवारा कुत्तों का आतंक और शहर में मेट्रो के साथ सार्वजनिक परिवहन के न होने जैसे मुद्दों को लेकर बैक फुट पर जा रही भाजपा आम आदमी से कितना डर गई है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इन मुद्दों पर खड़े होने वाले आम आदमियों को भाजपा और उनके समर्थित ग्रुप व्हाट्सएप ग्रुपों से निकलना शुरू कर दिया गया है ।
दरअसल इस सारे खेल का आरंभ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 6 लाख फ्लैट बायर्स के सामूहिक नेतृत्व करने का दावा करने वाली नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार के चुनाव लड़ने से आरंभ हुआ है। अब इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही फ्लैट बायर्स के लिए आवाज उठाते हुए एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता नरेश नौटियाल ने भी अपने चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए डॉक्टर महेश शर्मा से सोशल मीडिया पर कुछ सवाल पूछ लिए हैं ।
इसके बाद शहर के भाजपाइयों में हड़कंप मच गया है अभिषेक कुमार और नरेश नौटियाल के चुनाव में उतरने की सूचना के साथ ही अब डैमेज कंट्रोल के लिए तैयारी की जा रही हैं अभिषेक कुमार भले ही भाजपा के ग्रुप में कभी नहीं रहे हो किंतु नरेश नौटियाल लगातार ऐसे ग्रुप में रहे हैं जिनको ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नाम पर भाजपाइयों द्वारा ही चलाया जा रहा था और अब उनके चुनाव लड़ने की घोषणा करते ही भाजपाईयो ने उनको अपने ग्रुपों से निकलना शुरू कर दिया हैं ।
नरेश नौटियाल ने एनसीआर खबर को कुछ स्क्रीनशॉट भेज कर यह बताया कि स्वयं को भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले आशुतोष श्रीवास्तव नमक व्यक्ति ने उन्हें कुछ ग्रुपों से निकला है । जिनमें कुछ ग्रुप भाजपा के हैं जबकि कुछ ग्रुप भाजपा के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के वेलफेयर के नाम पर बनाए गए थे । यद्यपि इन ग्रुपों का सीधे भाजपा संगठन से कोई संबंध नहीं है ।
नरेश नौटियाल को भाजपा के सहयोग के लिए बने ग्रुपों से निकल जाने पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और यह पूछा है कि अगर इन ग्रुपों को भाजपा के लिए ही बनाया गया है तो फिर इनका नाम भाजपा कर दिया जाए जिससे जिन लोगों को इस ग्रुप को छोड़ना है वह छोड़कर चले जाएं लोगों की इस प्रतिक्रिया के कई मायने हैंI इसका मतलब यह है की ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शहरी वोटर को जितना आसानी से भाजपा का वाटर समझा जा रहा है वह है नहीं और इसकी प्रतिक्रियाएं चुनाव में अभिषेक कुमार और नरेश नौटियाल के खड़े होने की दशा में दिखाई दे सकती हैं । वही आशुतोष श्रीवास्तव जैसे अति उत्साही भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप से निकल जाने जैसी घटनाओं की प्रतिक्रिया भी भाजपा को नुकसान दे सकती है इससे यह संदेश भी जा सकता है कि भाजपा स्वतंत्र आवाजों को रोकने का प्रयास कर रही है ।
देखना यह है कि अगले एक महीने चुनाव तक ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सामाजिक परिदृश्य में राजनीतिक दुश्मनी कितना एक दूसरे को नुकसान पहुंचाएगी क्या राजनीतिक बातों के लिए लोगों के आपसी संबंध इस कदर खराब हो जाएंगे कि वह एक दूसरे की बात तक सुनने को तैयार नहीं है प्रश्न यह भी उठेगा कि क्या बीजेपी के कार्यकर्ता इतना डरे हुए हैं कि वह किसी विपक्षी चुनाव लड़ने वाले के प्रश्नों से अपने वोटर के भ्रमित होने का डर महसूस कर रहे हैं । और किसी भी प्रकार के नैतिक अनैतिक तरीके से लोगों तक उनके प्रत्याशी के बारे में कहीं जारी बातें हैं रोकने का प्रयास कर रहे हैं।