रुपिका भटनागर । बीते दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस और शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी की एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी हुई। शमिता ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया और इस बीमारी के बारे में लोगों को बताया, साथ ही महिलाओं को यूट्रस की इस बीमारी से सावधान और जागरूक रहने की सलाह दी।
वीडियो को शेयर करते हुए शमिता शेट्टी ने कैप्शन में लिखा है- क्या आप जानते हैं कि लगभग 40 फीसदी महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं और हम में से ज्यादातर लोग इस बीमारी से अनजान हैं। सभी महिलाएं, कृपया एंडोमेट्रियोसिस पर गूगल करें। आपको ये जानने की जरूरत है कि ये समस्या क्या है क्योंकि शायद आपको ये है और आपको पता भी नहीं है।
तो आइए जानते है एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) आखिर क्या है ? ये महिलाओं में होने वाली गर्भाशय से संबंधित समस्या है। इसमें गर्भाशय के अंदर के टिशू (ऊतक) बढ़कर गर्भाशय के बाहर निकलने और फैलने लगते हैं। यह फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय के बाहरी और अंदरूनी हिस्सों में भी फैलने लगते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं को तेज दर्द होता है। विशेषकर जब उनका मासिक चक्र आता है, तब दर्द और बढ़ जाता है. यह ऊतक गर्भाशय के अंदर वाले ऊतक की तरह ही होता है, लेकिन मासिक चक्र के समय यह बाहर नहीं निकल पाता है, जिसके कारण दर्द होने लगता है। इस समस्या के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है। आइए जानते हैं की एंड्रियोमेट्रिओसिस के क्या लक्षण होते है और इसके लिए आपको क्या करना चाहिए।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
हर महिला में एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण अलग होते हैं। कुछ महिलाओं में हल्के तो कुछ में गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं। एंडोमेट्रियोसिस में पेल्विक हिस्से में दर्द होना सबसे सामान्य बात है। इसमें आपको निम्न लक्षण दिख सकते हैं :
मासिक धर्म के दौरान दर्द होना, मासिक धर्म से पहले और दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, माहवारी के एक या दो हफ्ते के आसपास ऐंठन महसूस होना, माहवारी के बीच में ब्लीडिंग या पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना, इनफर्टिलिटी, सेक्स के दौरान दर्द होना, मल त्याग करने में असहज महसूस होना, मासिक धर्म के दौरान कभी भी कमर के निचले हिस्से में दर्द होना।
एंडोमेट्रिओसिस से ऐसे करें बचाव
आप इस समस्या को रोक नहीं सकते है। लेकिन आप शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर को कम करके इसको विकसित होने से जरुर रोक सकते है। लेकिन यदि एंडोमेट्रियल की समस्या हो रही है तो इसे रोक पाना मुश्किल है, इसलिए शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को कम करके एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना से बचाव किया जा सकता है हार्मोनल गर्मनिरोधक विधियों के बारें में अपने डॉक्टर से बात करें।
नियमित रूप से व्यायाम करने से भी एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम किया जा सकता है। दरअसल, मोटापा भी एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने का कारण हो सकता है. इसके अतिरिक्त कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए. इसके अलावा यदि चाय, कॉफी या अन्य कोई कैफीनयुक्त पदार्थ लेने की आदत है तो इसे तुरंत छोड़ दें, क्योंकि कैफीन युक्त पदार्थ भी शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा ऐसी महिलाओं को अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित 40 मिनट तक व्यायाम जरूर करना चाहिए और आहार में फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए ।
फिर भी लक्षण दिखाई देने के बाद किसी भी प्रकार के बचाव के कदम उठाने से पहले अपने पास के डॉक्टर से जरूर मिले । उपचार आपके लक्षणों, गर्भावस्था की योजना, उम्र और एंडोमेट्रियोसिस के चरण पर निर्भर करता है।डॉक्टर एंडोमेट्रियोसिस का इलाज निम्नलिखित तरीकों से करते हैं:
- दर्द में राहत प्रदान करने के लिए NSAID (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं) नामक दवाएं
- दवाएं जिनमें हार्मोन होते हैं (जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियां)
- गलत स्थान पर स्थित एंडोमेट्रियल ऊतक को निकालने या नष्ट करने के लिए लैप्रोस्कोप का उपयोग करके सर्जरी