नोएडा में एक के बाद एक बिल्डर पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम लगाम कसते जा रहे हैं । इसी क्रम में नोएडा प्राधिकरण का बकाया जमा न करना पारस टिएरा के बिल्डर अमन नागर को भारी पड़ गया है।नोएडा प्राधिकरण ने 348 करोड़ की रिकवरी के खिलाफ एक्शन लेते हुए अमन नागर के खिलाफ एक नोटिस बोर्ड सोसाइटी के बाहर गेट नंबर एक पर लगा दिया है।
स्मरण रहे पारस टिएरा सोसाइटी में करीब लगभग 1100 फ्लैट्स है। इसमें बिल्डर इन्वेंटरी के लगभग 179 फ्लैट्स ऐसे है जो या तो जो बिके नहीं है या जिनका हैंडओवर नहीं हो पाया है। सीईओ द्वारा जारी इस आदेश से इस प्रकार के फ्लैट की बिक्री या हस्तांतरण पर रोक लग गई है।
सोसाइटी के अध्यक्ष बोले, कार्यवाही का करते है स्वागत
वहीं सोसाइटी के अध्यक्ष रमेश गौतम ने कि बिल्डर अमन नागर के खिलाफ हुई इस कार्यवाही का स्वागत करते हुए कहा कि अमन नागर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हमने मुख्यमंत्री योगी के सामने भी ये मुद्दा रखा था। ये कार्रवाई काफी पहले नोएडा प्राधिकरण को करनी चाहिए थी। लोगो के अनुसार 348 करोड़ की धनराशि में छह करोड़ की धनराशि पानी के बकाये की है। यह पैसा भी बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण में जमा नहीं किया। अब बिल्डर को बकाया जमा करने के बाद ही नोएडा प्राधिकरण से राहत की उम्मीद है।
कौन है अमन नागर ?
नोएडा प्राधिकरण की कार्यवाही से चर्चा में आए अमन नागर पारस इम्पीरियल हाउसिंग वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक है और गौतम बुध नगर से भाजपा सांसद सुरेंद्र नागर के भतीजे है । इसी कंपनी ने पारस टिएरा सोसाइटी का निर्माण किया था। आरोप है बिल्डर पर नोएडा प्राधिकरण का करीब 348 करोड़ बकाया है और राजनैतिक रसूख के चलते ही बिल्डर को रजिस्ट्री में राहत मिलने के बाद भी अमन नागर ने प्राधिकरण का बकाया जमा नहीं किया और न ही प्राधिकरण की किसी बैठक में भाग लिया। जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण को यह कार्रवाई बिल्डर के खिलाफ करनी पड़ी।
वहीं दूसरी और अमन नागर पर इतनी बड़ी कार्यवाही के बाद यह माना जा रहा है कि 4 जून को आने वाले बम्पर नतीजे की आहट से सरकार देश भर में सख्त हो गई है और राजनैतिक रसूख की आड़ में जनता की गाड़ी कमाई को लूटने वाले बिल्डर पर आने वाले 100 दिनों में बड़ी कार्यवाही कर सकती है।