गौतम बुध नगर में अपहरण के बाद व्यापारी के 15 वर्षीय बेटे कुणाल की हत्या के बाद जिले भर में हो रही चौतरफा आलोचना के बाद आखिर नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह बीटा 2 थाना पहुंची । उनके साथ अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर भी थाने पहुँचे ।
बताया जा रहा है कि उस वक्त जिले के तमाम पुलिस अधिकारी थाने में मौजूद रहे । पुलिस सूत्रों के अनुसार इस केस में अब बड़े एक्शन की तैयारी नोएडा पुलिस करने जा रही है । पुलिस सूत्रों के अनुसार इसमें इस केस से जुड़े लापरवाह पुलिस कर्मियों को हटाए जाने से लेकर अपराधियों के बारे में कोई बड़ी जानकारी शामिल हो सकती है बताया जा रहा है कि सोमवार को पुलिस कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है ।
वहीं जिले में हो रही लगातार हत्या और अपहरण की घटनाओं के बाद जिले के लोगों का विश्वास पुलिस कमिश्नरेट से जगमगा रहा है लोगों का कहना है कि पुलिस कमिश्नरेट से पहले इस जिले की कानून व्यवस्था ज्यादा बेहतर थी । कमिश्नरेट बनने के बाद यहां अधिकारियों की संख्या ज्यादा हो गई है और उनके कामों के सफलता की दर बेहद कम हो गई है अधिकांश समय लोग अपनी समस्याओं को लेकर थाने जाते हैं तो उनकी समस्याओं पर पुलिस कार्य करने से इनकार कर देती है
पुलिस सूत्रों की माने तो निचले स्तर के अधिकारियों के ऊपर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट करने का इतना ज्यादा प्रेशर होता है कि वह केस को थानों में रजिस्टर करने से बचना चाहते हैं। और अधिकांश मामलों में मामले के बेहद बिगड़ जाने के बाद पुलिस कमिश्नरेट की किरकिरी हो जाती है ।
तो कई मामलों में पुलिस अधिकारी छोटे-छोटे झगड़ों को 107-16 में पंजीकृत कर अपनी जिम्मेदारी से बचना भी चाहते हैं लेकिन इससे जहां एक और सामान्य लोगों की संख्या अपराधियों में बढ़ रही है वहीं असली अपराधी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं या फिर राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस उनके मामले में कुछ कर नहीं पाती है । ऐसे में इन बड़े अपराधियों द्वारा अपराध किए जाने के बाद ही पुलिस की आंख खुलती है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
नोएडा में निवास कर रहे कई रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरेट अभी शैशव काल में है और इसको परिपक्व होने में कम से कम एक दशक लगेगा । तब तक कमिश्नरेट अधिकारियों की मर्जी के हिसाब से काम करता रहेगा।