आशु भटनागर। आज ब्रह्मा जी के मानस पुत्र महर्षि नारद जी की जयंती है । प्रात: उठते ही घर पर अवतरित हुए । हमने कहा अहो भाग्य हमारे, आज के दिन प्रभु आपके दर्शन हुए । बोले तुम्हारी तपस्या से में खुश हुआ अब तुम्हे समय समय पर मेरे ही दर्शन होंगे, बैरागी के साथ साथ अब मैं भी तुमको कठिन प्रश्नों के जाल में उलझाऊंगा ।
हम बोले जैसी आज्ञा प्रभु, पर आजकल तो पत्रकारों को भी नारद जयंती के दिन सम्मानित किया जाने लगा है और रोचक तथ्य भी देखिए कि सत्ता वाले कभी विपक्ष के नेताओं के बने होटल्स, अस्पतालों में ऐसे कार्यक्रम करवा रहे है । नारद जी गहरी सांस लेकर वाले ये तो है, पर कर क्या सकते है, हमेशा से बिल्डर, भूमाफिया, अस्पताल मालिक, बार या होटल वाले सब सभी लोग सत्ता के पक्ष साथ होते है आजकल ये भाजपा और संघ के साथ है । समस्या तो संघ वालो की है जो इनको अपना उपयोग होने दे रहे है ।
खैर इनकी छोड़ो तुमको पता भी है कि भाजपा में इन दिनों क्या हो रहा है ? हमने आश्चर्य से कहा अब क्या होने से रह गया है प्रभु, सब कुछ तो भाजपा में ही हो रहा है राजनीति में ऐसा कौन बचा है जो भाजपा में नहीं चला गया है या जाने के जुगाड़ नही बना रहा है। पूरे देश में भाजपा की ही लहर चल रही है लोग कह रहे है अबकी बार 400 पार ।
नारद जी ने मुस्कुरा कर हमारी तरफ देखा और बोले पुत्र मैं भाजपा के चुनाव पर नहीं, शहर में निवासियों को समस्याओं पर भाजपा नेताओं के एक दूसरे के क्षेत्र में दखल देने की बात कर रहा हूं । हमने कहा प्रभु खुल कर बताइए ।
नारद जी बोले यह बताओ कि दादरी विधानसभा के लोगों की समस्याओं के लिए जेवर विधायक क्यों ग्रेटर नोएडा वेस्ट (दादरी विधानसभा क्षेत्र) चलकर क्यों आ रहे हैं और चलकर आ ही नहीं रहे हैं यहां के लोगों को लेकर एनपीसीएल के ऑफिस जा रहे हैं । क्या दादरी विधायक सक्षम नहीं है ?
हमने कहा प्रभु दोनों भाजपा के ही विधायक है, दादरी विधायक तो आजकल मुख्यमंत्री के प्रिय नेताओं में है, वो उनकी पीठ ठोकते है कि पूरे प्रदेश में एक मात्र सीधा विधायक है, उनका खेल लखनऊ में सेट है तो वो दादरी विधानसभा की जनता की चिंता क्यों करें या फिर यह चिंता क्यों करें कि कौन से बाहरी भाजपा विधायक उनके क्षेत्र में आकर क्या गुणा भाग कर रहे हैं?
और वैसे भी यह कोई पहली बार थोड़ी हो रहा है कि जेवर विधायक दादरी विधायक के क्षेत्र में जाकर लोगों की समस्याओं के लिए अधिकारियों से मिल रहे हैं उनकी अपनी समस्याएं है, अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं और वह उसके लिए कई सालों से यही करते आ रहे हैं, अब जेवर में शहरी लोग बसे नही है तो चर्चा में रखने के लिए कुछ तो करेंगे या फिर ये हो सकता है उनको अब 2024 की जगह 2029 के लोकसभा टिकट की तैयारी कर रहे होंगे और जब दादरी विधायक को कोई तकलीफ नहीं, वो ही नही कह पा रहे कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है ?
तो फिर पत्रकार ही इन नेताओं के लिए क्यों कुछ कहे….. नारद जी ने हमारे उत्तर को पूर्ण होने से पहले ही रोकते हुए बोले वत्स नैतिकता और सामाजिक मर्यादा नेता भूल सकते हैं मगर पत्रकार नहीं । नारद जयंती के लिए दिन तुम मुझसे ही इस तरीके की बातें कर रहे हो ।
हम बोले प्रभु आप बिल्कुल सही हैं किंतु आजकल पत्रकारों की सुनता कौन है ? नेताओं ने अपने-अपने पीआर के लिए बड़े पत्रकारों को हायर कर रखा है, सब कुछ उन्हीं से संचालित होता है तो अगर एक नेता दूसरे नेता के क्षेत्र में जा रहा है तो इन दोनों के हायर किए पत्रकारों को लड़ने दो हमको तो जनता की समस्याओं पर लिखने दो।
जनता की समस्या इस समय यह है कि पूरे क्षेत्र में बिजली के जाने से जनता त्राहि माम कर रही है । प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बिजली सरप्लस है, मगर बिजली सरप्लस है तो फिर लोगों के घर में क्यों नहीं है। एनपीसीएल और यूपीसीएल के अधिकारी कह रहे हैं कि हमारा तंत्र मजबूत है किंतु अगर तंत्र मजबूत है तो लोगों के घर तक बिजली के कट क्यों लग रहे हैं ? विधायक चाहे जेवर के हो या दादरी के, वह एनपीसीएल या यूपीसीएल के ऑफिस जाने का नाटक करने की जगह सीधे मुख्यमंत्री से या ऊर्जा मंत्री से कहकर इसको क्यों नहीं सुलझवाने का प्रयास कर रहे हैं सच तो यह है कि सबको पता है कि भाजपा के नेता भले ही सत्ता में आ गए मगर आदतें विपक्ष वाली हैं वह जा नही रही है
अब ऐसी बातों पर अगर हम लिख दें तो आप भी समझते हैं कि पत्रकारिता पर आजकल कितना बड़ा संकट है नेताओं से पहले इस मानव जनित संकट के प्रणेता हमसे पूछने लगेंगे कि तुम्हारे घर तो बिजली आ रही है और नहीं भी आ रही है तो क्या फर्क पड़ता है दो एक महीने अगर दो-दो घंटे, तीन-तीन घंटे बिजली नहीं आएगी तो कोई परेशानी हो जाएगी अब तक क्या तुम लोग बिजली के बिना रहते नहीं आए जो आज इतनी परेशानी हो रही है ?
नारद जी बोले अगर यहां आम लोगों को दो-दो तीन-तीन घंटे में बिजली नहीं मिल रही है तो फिर यह जो पूरे देश में EV गाड़ियां बेची जा रही है वो कैसे चलेंगे। हमने कहा प्रभु यह तो बहुत आगे की समस्या है पहले लोगों को महंगी गाड़ियां खरीदने लायक तो बनने दीजिए अभी तो लोगों की जेब खाली है सरकार भी ईवी गाड़ियों के साथ-साथ साइकलिंग को बढ़ावा दे रही है ।
जो जेवर विधायक आज बिजली के लिए एनपीसीएल जाने वाले हैं वह खुद साइकिल चलाते हैं और जो संगठन उनको ले जा रहा है वह भी साइकिल चलाता है इसलिए ईवी की चिंता मत करिए, बिजली को लेकर फिलहाल क्षेत्र में जो राजनीति हो रही है उसको होने दीजिए।
हम ना इस नेता के साथ हैं हम ना उसे नेता के साथ, हम तो सिर्फ जनता के साथ है । नारद जी बोले बस मैं यही सुनना चाहता था आज पूरे दिन में जगह-जगह पत्रकारों के पास जाकर उनसे यही समझूंगा कि वह मेरे नाम पर नारद जयंती मना कर पत्रकारिता के आदर्श निभा भी पा रहे हैं या फिर सब पत्रकार की जगह पी आर एजेंसी में कन्वर्ट हो गए है । इतना कहकर नाराज जी अंतरध्यान हो गए ।
हम मन में सोचने लगे कि प्रभु आजकल मन से पत्रकार होना ही कौन चाहता है आप भी राजस्थान के रेतीले मैदान में पानी ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं। हम खुद ही कभी-कभी सोचते हैं कि पत्रकारिता की जगह पी आर एजेंसी ही खोल ले तो ज्यादा जिंदगी आसान हो जाएगी, फिर भी नारद जी मन में एक प्रश्न तो उठा ही गए कि दादरी विधायक के क्षेत्र की समस्याओं के लिए जेवर विधायक क्यों उतावले हैं खैर फिलहाल नारद जयंती की सबको शुभकामनाएं ।