लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का चुनावी प्रचार शाम 5:00 बजे थम गया । उसके साथ ही गौतम बुध नगर से वाराणसी प्रचार के लिए गए राजकुमार भाटी ने आखिरी दिन कुछ ऐसा कर दिया जिसके बाद पूरे प्रदेश समेत गौतम बुद्ध नगर की राजनीति में हलचल मच गई । राजकुमार भाटी प्रचार के बाद बनारस में काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे और उसके बाद उन्होंने अपने माथे पर त्रिपुंड लगाएं अपने फोटो को हर-हर महादेव के कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर डाला । राजकुमार भाटी ,के फोटो के डालते ही राजकुमार भाटी के समर्थक और विरोधियों दोनों में हलचल मच गई तमाम तरीके की बातें कहीं जाने लगी ।
लोगों ने कहा की 4 जून के नतीजे के डर से राजकुमार भाटी अब पाला बदलने की तैयारी कर रहे हैं इसलिए चुनाव के आखिरी दिन आखिरी चरण के प्रचार के आखिरी दिन उन्होंने घर वापसी के संकेत दे दिए हैं वहीं उनके समर्थको ने है इसको स्वाभाविक प्रतिक्रिया बताते हुए कहा की राजकुमार भाटी हिंदू ही हैं और वह मंदिर जाते हैं तो इसमें बुरा क्या है ? तो कुछ विरोधियों ने इसे राजकुमार भाटी का हिंदू बनने का पाखंड बता दिया
क्या वाकई राजकुमार भाटी एक्सीडेंटल हिंदू है ?
सोशल मीडिया पर राजकुमार भाटी के त्रिपुंड लगाए फोटो के बाद राहुल गांधी की तरह यह प्रश्न भी पूछे जाने वालों की क्या राजकुमार भाटी हिंदू हैं या फिर वह एक्सीडेंटल हिंदू है यह प्रश्न इसलिए उठ रहे थे क्योंकि राजकुमार भाटी ने बीते कई वर्षों में लोगों को हिंदुओं के त्योहार पर आलोचनाए तो की हैं किंतु उन्हें शुभकामनाएं नहीं इसके उलट लगातार वह ब्राह्मणों की आड़ में हिंदुओं को भला बुरा कहते रहे है । लोगों का कहना है कि राजकुमार भाटी अब राजनीति में अपने लिए नए स्थान खोज रहे हैं इसलिए हिंदू बनने का ढोंग कर रहे हैं वहीं राजकुमार भाटी के कई समर्थको ने राजकुमार भाटी के इस पाखंड पर आलोचना भी की है। ऐसे में राजकुमार भाटी क्या वाकई अपनी हिंदू विरोधी छवि को बदलने का प्रयास कर रहे हैं या फिर राजकुमार भाटी ने किसी स्ट्रेटजी के तहत इस चित्र को रिलीज किया।
क्या राजकुमार भाटी अपना राजनैतिक चरित्र बदल रहे है ?
वहीं कई राजनीतिक विशेषको ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा की राजकुमार भाटी अपनी राजनीतिक पारी में एक बड़ा परिवर्तन करने का प्लान बना रहे हैं और आने वाले 4 जून को आने वाले परिणाम के बाद वह इसकी घोषणा कर सकते हैं I संभवत यह चित्र इन्हीं सब उधेड़बुन का नतीजा है
गौतम बुद्ध नगर के पुराने भाजपा नेता ने कहा राजकुमार भाटी आरंभ में मुलायम सिंह का जबरदस्त विरोध किया और बाद में मौका देखकर उन्ही की पार्टी में से राजनीति शुरू करना कर दी थी। लगता है राजकुमार भाटी अब भाजपा का लगातार विरोध करने के बाद भाजपा या एनडीए में एंट्री के तरीके ढूंढ रहे हैं। यह प्रश्न इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि बीते दिनों भाजपा के कट्टर आलोचक रहे तमाम कांग्रेस नेताओं ने भाजपा ज्वाइन कर ली ऐसे में अगर राजकुमार भाटी भाजपा या उसके सहयोगी दल को से जुड़ने के लिए अपना राजनीतिक चरित्र बदलने के प्रयास में लगे हैं तो राजनीतिक तौर पर इसमें कुछ भी गलत नहीं है ।
वहीं शहर के अन्य राजनीतिक विश्लेषक ने राजकुमार भाटी की प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा कि कदाचित राजकुमार भाटी 2027 की तैयारी कर रहे हैंI राजकुमार भाटी तीन बार चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में इस बार उनको समाजवादी पार्टी से टिकट मिलना बेहद मुश्किल है ऐसे में अगर बीजेपी या उनके सहयोगी किसी दल में वह जाते हैं तो उन्हें कम से कम एमएलसी मिलने की संभावना बन सकती है। जो राजकुमार भाटी की राजनीति का संभावित आखिरी लक्ष्य हो सकता है साथ ही इस चित्र से के जरिए राजकुमार भाटी समाजवादी पार्टी में भी एक दबाव बना सकते हैं जिसके जरिए वह 2027 में एक बार फिर से टिकट की दौड़ में खड़े नजर आ सकते हैं ।