गौतम बुध नगर में अधिसूचित जमीनों पर अवैध कालोनियों और निर्माणों को रोक पाने में नाकाम सभी प्राधिकरणों पर प्रतिदिन समाचार आते है । गौतम बुध नगर में इन प्राधिकरणों की लगी जमीनों के बिल्कुल पास भू माफियाओं ने कई कालोनियां भी काट दी हैं इसी तरीके के एक प्रकरण में दनकौर के होने अवैध कॉलोनी का नक्शा तक पास कर दिया जिसके बाद हंगामा मच गया।
मामला तूल पकड़ा तो यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने अब नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी को निशाने पर लिया है। दनकौर में अधिसूचित जमीन पर नगर पंचायत की ओर से नक्शा स्वीकृत करने के मामले में अधिशासी अधिकारी (ईओ) के निलंबन की संस्तुति के साथ शासन को पत्र भेजा है। साथ ही ईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भी तैयारी यमुना प्राधिकरण ने कर ली है। आपको बता दें जहांगीरपुर, रबूपुरा और दनकौर में 300 से ज्यादा अवैध निर्माण भी चिह्नित किए गए हैं, जिन पर पीड़ा के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
स्मरण रहे यमुना अथॉरिटी की अधिसूचित जमीनों और नगर पंचायतों की सीमा में महज एक से डेढ़ मीटर का ही अंतर है। ऐसे में दनकौर के साथ ही अन्य नगर पंचायतों ने यीडा की अधिसूचित जमीनों पर कालोनी बसाने के लिए बकायदा सरकारी फीस जमाकर नक्शा स्वीकृत कर दिया है।
ग्रेटर नोएडा, यूपीसीडा कब लेगा संज्ञान?
यमुना प्राधिकरण की तरह ग्रेटर नोएडा और अप सीधा की जमीनों से लगी आबादी की जमीनों पर कई भू माफिया होने बड़ी-बड़ी कालोनियां काट दी हैं दुखद तथ्य यह है की इन प्राधिकरणों के कर्मचारी इनके बारे में अपनी जिम्मेदारियां झाड़ते नजर आते हैं । यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि हमने एक बार जमीन छोड़ दी तो हम उसे पर किसी तरीके का अवैध निर्माण नहीं रोक सकते, किंतु वह यह नहीं बताने मैं सक्षम नहीं कि आखिर उनकी जमीन से लगी जमीन पर किस तरीके से भू माफिया कॉलोनी काट सकता है। वही भू माफिया और कॉलोनाइजर यूपीएसआईडीसी से लगी जमीन पर दनकौर की तर्ज पर जिला पंचायत से नक्शा पास करने के जुगाड़ में लगे हैं। इसके लिए बाकायदा हाई कोर्ट से मांगे गई एक मार्गदर्शन की आड़ लिए जाने की बात की जा रही है।
दरअसल जिला पंचायत ने गांव में आने वाले निजी मकान के निर्माण हेतु नक्शा पास करने पर हाई कोर्ट से मार्गदर्शन मांगा था। किंतु अब इसके आधार पर बड़े-बड़े कॉलोनी काटने और उनके नक्शे पास करने की योजनाओं पर खेल खेला जा रहा है इस खेल में यूपीएसआईडीसी से लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला पंचायत तक के अधिकारियों की सांठ गांठ बताई जा रही है। ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या जिला औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल नंदी के संज्ञान में यह सब बातें आ नहीं पा रही हैं या फिर वह जानबूझकर इन पर आंखें बंद किए बैठे हैं क्या दनकौर की तरह ग्रेटर नोएडा और यूपीएसआईडीसी के क्षेत्र से लगी जमीनों के भी नक्शे पास कर दिए जाएंगे और सामने आने पर कार्यवाही का बहाना बना लिया जाएगा ?