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NCRKhabar Exclusive : यूपी में 6 सीटे जीतने वाली कांग्रेस पश्चिम यूपी के गौतम बुध नगर में अस्तित्व की तलाश में, बड़ा संगठात्मक बदलाव ही कर सकता है कायापलट

आशु भटनागर । लोकसभा चुनाव के परिणामों ने उत्तर प्रदेश में मृतप्राय हो चुकी कांग्रेस को 6 सीटे देकर नई संजीवनी दे दी है । इन चुनाव में उत्तर प्रदेश में कई वर्षों के बाद कांग्रेस को 9.46 परसेंट प्रतिशत वोट मिला है। इसके बाद कांग्रेस की उत्तर प्रदेश यूनिट क्षेत्र में अपना विस्तार करने के स्वप्न देखने लगी है ।

किंतु इसे विडंबना ही कहेंगे कि जब पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ रहा था तब गौतम बुध नगर क्षेत्र में कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है। नोएडा जैसे शहर को बसाने वाली कांग्रेस के हालत आज इतने बदतर है कि कांग्रेस के पास पीसीसी में काम करने वाले प्रदेश स्तरीय नेताओं के बाद नीचे कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं की बेहद कमी है। और कैडर वोट लगभग समाप्त हो चुका है।

कांग्रेस छोड़ चुके कई नेताओं की माने तो कांग्रेस गौतम बुद्ध नगर में कांग्रेस के तथाकथित बड़े नेताओं के संख्या मिलकर 200 लोग नहीं है । वर्तमान में गौतम बुध नगर में निवास कर रहे कांग्रेस के कई नेता या तो राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल मीडिया और प्रदेश प्रवक्ता बने हुए हैं या फिर एआईसीसी/पीसीसी के मेंबर बनाकर किन्हीं अन्य जिलों में प्रभारी बनाए गए है । इसका अंदाजा आप इस बात लगा सकते हैं कि चुनावो के समय जब प्रियंका गांधी का रूट चार्ट गौतम बुध नगर से जाते हुए बना था तो उनको स्वागत करने के समय कांग्रेस के 10 कार्यकर्ता भी पूर्व महानगर अध्यक्ष के साथ नहीं थे। और संभवत इसीलिए प्रियंका गांधी ने स्वागत के खड़े लिए खड़े उन कांग्रेसियों के सामने अपनी गाड़ी रोकने की जरूरत महसूस नहीं समझी थी ।

गौतम बुद्ध नगर लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेताओं की माने तो गठबंधन के तहत उनके प्रत्याशी को कांग्रेस से कोई सहयोग नहीं हुआ, जमीनी संगठन ना होने से कांग्रेस से एक वोट भी नहीं मिला, यद्यपि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीपक चोटी वाला का दावा है कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को मिले 298000 वोटो में से सवा लाख वोट कांग्रेस के कारण मिला हैI कांग्रेस की जिले में बदहाल स्थिति को देखते हुए समाजवादी पार्टी का दावा ज्यादा स्पष्ट लगता है। आकडे भी इसकी पुष्टि करते है 2022 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस से दादरी विधान सभा चुनाव लडे दीपक चोटी वाला को 5392, जेवर से मनोज चौधरी को 3200, खुर्जा से 2643, सिकन्दराबाद से 2281 और नोएडा से पंखुड़ी पाठक को 13494 वोट ही मिले थे I

वर्तमान में बने दो नए जिला अध्यक्ष और नोएडा महानगर अध्यक्ष दीपक चोटी वाला और मुकेश यादव एक बार फिर से चर्चा में है किंतु इन नेताओं की का जनता से छोड़िए मीडिया से संवाद शून्य है । दोनों ही नेता प्रदेश के आधुनिक शहर में ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं ऐसे में इनका संवाद यहां के 75% शहरी मतदाताओं से बिल्कुल नहीं है । इसे कांग्रेस संगठन का दुर्भाग्य भी कहिए कि यहां पर बीते कई दशक से जिला अध्यक्ष और नोएडा महानगर अध्यक्ष ग्रामीण पृष्ठभूमि से ही चुने गए जबकि विक्रम सेठी जैसे शहरी नेता संगठन की गुटबाजी के चलते कांग्रेस छोड़कर चले गए।

वहीं कांग्रेस छोड़कर जा चुके कुछ नेताओं की माने तो कांग्रेस की इस हालात के लिए 2019 में प्रियंका गांधी की सिफारिश पर राजस्थान से भेजे गए धीरज गुर्जर भी बड़ा कारण है । तब माना गया था पश्चिमी यूपी में सिंधिया के साथ धीरज गुर्जर और विदित चौधरी मिलकर पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे । किंतु पश्चिम उत्तर प्रदेश में धीरज गुर्जर ने यहां यूपीसी के उपाध्यक्ष विदित चौधरी के साथ मिलकर संगठन को मजबूती की जगह बिखराव की राह पर ला दिया है ।

कांग्रेस के कई पुराने नेताओं का दावा है कि जब से यह लोग आए तब से क्षेत्र में कांग्रेस से जाने वाले नेताओं का आंकड़ा बढ़ता गया और संगठन खाली होता गया 2024 के लोकसभा चुनाव की विडंबना देखिए कि जिन दो नेताओं ने भाजपा के समक्ष विरोध स्वरुप अपने प्रत्याशी उतारे उनके प्रत्याशी कांग्रेस छोड़कर ही गए थे समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े डॉक्टर महेंद्र नागर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष थे तो बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़े राजेंद्र सिंह सोलंकी भी कांग्रेस से पूर्व विधायक रह चुके हैं।

कांग्रेस के नेताओं के आरोप हैं कि पश्चिम में कांग्रेस इन दो नेताओं के चलते संगठन को एक नहीं कर पा रही है। विरोधियों का दावा है कि प्रियंका गांधी के की टीम के यह दो चेहरे कांग्रेस को पश्चिम में अभी तक वह स्थान नहीं दिला पाए जिससे कांग्रेस इस क्षेत्र में अपना वोट प्रतिशत बढ़ा पाती या लोगों को संगठन से जोड़ पाती बल्कि अन्य विवादों के चलते ये लोग जयादा चर्चा में रहे है।

हाल ही में चुनाव के बाद कांग्रेस की तरफ से जारी एक पत्र के अनुसार धन्यवाद यात्रा 15 और 16 जून को निकाली जानी थी। पत्र के अनुसार जिन सीटों पर कांग्रेस लड़ी थी वहां पर प्रत्याशियों को यह यात्रा निकालनी थी। किंतु गौतम बुद्ध नगर में कांग्रेस प्रत्याशी न होने के बावजूद यहां के नोएडा महानगर अध्यक्ष मुकेश यादव और जिला अध्यक्ष दीपक चोटीवाला ने यहां पर भी धन्यवाद यात्रा निकालने की तैयारी कर ली, बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर ली गयी I दावा किया गया कि इसके पीछे उनको धीरज गुर्जर और विदित चौधरी से निर्देश मिले थे। सूत्रों का दावा है प्रदेश में एकमात्र गौतम बुद्ध नगर जिले में ऐसी सूचना आते ही इंडिया गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी ने इस पर ऐतराज जताया और आनंद-फानन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा इस यात्रा को स्थगित किया गया और मीडिया में संदेश दिया गया कि आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन के घटक दल मिलकर धन्यवाद यात्रा निकालेंगे ।

कांग्रेस के एक नेता ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल राजस्थान से आए नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गणित के बारे में कुछ नहीं पता है ऐसे में क्षेत्रीय विसंगतियां भी उनकी असफलता के बड़े कारण इसके उलट यदि यहां के प्रभारी दिल्ली, हरियाणा या पूर्वी दिल्ली जैसे क्षेत्रों से बनाए जाएं तो यहां संगठन में जान डाली जा सकती है । खास तौर पर दिल्ली से आए नेता पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपना संमजस्य से बेहतर बिता सकते हैं और एक जैसे क्षेत्र और भाषा होने के कारण उनसे शहरी समाज भी आसानी से जुड़ सकता है।

गौतम बुध नगर में हुए इस घटनाक्रम के चलते अब पश्चिम उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर प्रियंका गांधी कांग्रेस को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत करना चाहती हैं तो उन्हें राजस्थान से आए प्रभारी की जगह नए प्रभारी को यहां लगाना चाहिए जिससे संगठन में नई जान डाली जा सके ।

लोकसभा चुनाव में जिले से टिकट मांग रहे कांग्रेस के एक निष्कासित नेता ने एनसीआर खबर को बताया कि अगर कांग्रेस ने पश्चिम में अपने प्रभारी और कुछ नेताओं को नहीं बदला तो आने वाले 2027 विधानसभा चुनावों में भी चुनाव में भी कांग्रेस का खाता पश्चिम यूपी में खुलना मुश्किल है। इसके साथ ही कांग्रेस की वर्तमान पुरी कार्यकारिणी को बदलने की बेहद जरूरत है ताकि नई शहरी लोग कांग्रेस से जोड़ सके। गौतम बुद्ध नगर में वर्तमान में कांग्रेस के साथ जो 100 – 200 लोग हैं उनसे संगठन मजबूत करने की अपेक्षा अब समाप्त हो चली है।

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आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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