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ऑपरेशन त्रिलोकपुरम : वाह यूपीसीडा, अधिग्रहण मुक्त भूमि बिक भी गयी, प्राधिकरण के मुआवजे का कोई अता-पता नहीं

राजेश बैरागी । गौतमबुद्धनगर सदर तहसील के गांव गुलिस्तान पुर की लगभग सौ बीघा भूमि पर विकसित की जा रही अवैध कॉलोनी त्रिलोकपुरम से सटी दो खसरा नंबरों की लगभग बीस बीघा भूमि की भी एक अलग कहानी है। खसरा नंबर 45 और 46 की भूमि को भी उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अधिग्रहण मुक्त कर दिया गया था।

यह भूमि एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और उनके परिवार की थी।  यह परिवार प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र और सनी देओल का भी निकट संबंधी बताया गया है।इस भूमि का मुआवजा यूपीसीडा द्वारा उन्हें 2004 में दे दिया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश से अधिग्रहण रद्द होने के बाद यह भूमि पुनः सेवानिवृत्त आईएएस और उनके परिवार के लोगों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दी गई। उन्होंने इसे आगे किसी अन्य व्यक्ति/व्यक्तियों को बेच दिया गया। परंतु मुआवजे के रूप में प्राप्त धनराशि को आज तक वापस जमा नहीं किया गया है।

gulistanpur map

उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीसीडा ने भी अपने हाथ से निकल गयी इस भूमि के भुगतान किए गए मुआवजा को वसूलने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए यूपीसीडा के जिम्मेदार अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु फोन न उठने के कारण संपर्क नहीं हो पाया। वर्तमान में इस भूमि पर एक बड़ी मार्केट और एक ऑटोमोबाइल कंपनी का शोरूम बन गया है। बताया जा रहा है कि त्रिलोकपुरम और इन खसरा नंबरों की भूमि को अधिग्रहण से मुक्त कराने में यूपीसीडा के अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा है। सूत्रों का यह भी दावा है कि अवैध रूप से विकसित की जा रही त्रिलोकपुरम कॉलोनी में यूपीसीडा के एक अधिकारी ने लगभग एक हजार वर्गमीटर का विशेष लोकेशन का भूखंड भी बतौर उपहार प्राप्त किया है।

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राजेश बैरागी

राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l

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