इंटरनेशनल किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट कांड में यथार्थ अस्पताल को अभी क्लीनचिट नहीं मिली है शासन के आदेश पर जिला प्रशासन समिति भी यथार्थ अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के कागज खंगालने में जुट गई है यह दावा है अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति का । जांच के लिए गठित समिति में एडीएम अतुल कुमार के अलावा सीएमओ गौतम बुध नगर मेरठ मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर, जिम्स के डायरेक्टर और एसीपी सेंट्रल नोएडा को शामिल किया गया है ।
शनिवार को बोर्ड ने यथार्थ अस्पताल प्रबंधन से ट्रांसप्लांट के कागज मांगे। समिति के सदस्यों के अनुसार आरोपी डॉक्टर ने करीब 100 किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी की थी समिति ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट देगी।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय किडनी ट्रांसप्लांट के सिंडिकेट को बस करते हुए यह दावा किया था कि बांग्लादेश से ऑपरेट इस ग्रहण के सदस्य दिल्ली के अपोलो और नोएडा के आधार अस्पताल के कागज बांग्लादेश में ही बना लेते थे इसमें डी विजयाकुमारी नाम की एक डॉक्टर को गिरफ्तार भी किया है। विजयाकुमारी ही अपोलो और यथार्थ अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन करती थी ।
ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रथम द्रष्टया क्लीन चिट के दावों के बीच यथार्थ अस्पताल पर एक बार फिर से जांच की तलवार लटक गई है और अब शासन के आदेश पर जिला अपर अधिकारी की टीम आने वाले दिनों में इसको लेकर कई बड़े खुलासे कर सकती है ।
कदाचित यथार्थ अस्पताल को लेकर तमाम तरीके के आरोप पहले भी लगते रहे हैं । कोविड़ के समय भी अस्पताल कई मामलों को लेकर चर्चा में आ चुका है हालांकि बाद में जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई थी । ऐसे में आम जनता का एक वर्ग इस बात के लिए भी चिंतित है कि कहीं इस बार भी फिर से कोई लीपा पोती तो नहीं हो जाएगी