समाजवादी पार्टी के गौतम बुद्ध नगर जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी और विवाद इन दिनों एक दूसरे के पूरक होते दिखाई दे रहे हैं । एक विवाद से पीछा छूट नहीं पाता है कि नया विवाद खड़ा हो जाता है । बीते दिनों वैश्य समाज के एक नेता द्वारा उपेक्षा के आरोप के बाद अब सुधीर भाटी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है । जानकारी के अनुसार संविधान मान स्तंभ कार्यक्रम के दौरान सुधीर भाटी ने समाजवादी पार्टी छोड़ कर भाजपा में गए पूर्व जिला अध्यक्ष प्रताप चौहान को शाल उड़ाकर स्वागत किया जिसके बाद जिले की समाजवादी राजनीति में हंगामा मच गया है ।
पार्टी में जिला अध्यक्ष के विरोधियों ने इस बात को अखिलेश यादव के उस वक्तव्य की अवहेलना बता दिया है जिसमें अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा था कि सपा छोड़कर भाजपा में जाने वाले लोगों को यदि पार्टी का कोई कार्यकर्ता वापस लेकर आता है तो उसे भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
मीडिया में आ रही जानकी के अनुसार पार्टी के कुछ नेताओं ने मामले की शिकायत अखिलेश यादव तक पहुंचा दी है। पार्टी में अंदर खाने यह जांच चल रही है कि प्रताप को किसने कार्यक्रम में बुलाया था। जिसने उन्हें कार्यक्रम में बुलाया और दोबारा पार्टी की सदस्यता दिलाने का प्रयास किया उसे अखिलेश यादव के कोप का भाजन बनना पड़ सकता है। यद्धपि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्होंने दोबारा से पार्टी की सदस्यता ली है या नहीं। प्रताप चौहान के समाजवादी पार्टी के मंच पर दिखाई देने के बाद बीते दिनों मीडिया में आई उन समाचारों और अफवाहों को बल मिलता दिखाई दे रहा है जिसमें भाजपा छोड़कर सपा में जाने पर शहर के दो कद्दावर नेताओं के नाम की चर्चा बहुत चल रही थी।
प्रताप चौहान के भाजपा में होने या छोड़ देने की बात को लेकर एनसीआर खबर ने जब भारतीय जनता पार्टी के गौतम बुद्ध नगर जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी और समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी को फोन किया तो फोन मिलाने के बावजूद उनका फोन नहीं उठा। ऐसे में अब एक व्यक्ति के कारण दो पार्टियों के जिला अध्यक्षों पर शहर में तमाम बातें हो रही हैं वही समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव की कार्यवाही की तलवार को लेकर भी तमाम चर्चाएं रुक नही रही है ।