उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दलित नाबालिक लड़की के साथ समाजवादी पार्टी के मुस्लिम जिला अध्यक्ष मोइन खान द्वारा बलात्कार और वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का मामला अब यूपी की राजनीति में गर्म होता जा रहा है इस पर अखिलेश यादव का बचाव के लिए डीएनए टेस्ट करने का मामला और आग में घी डाल रहा है । अखिलेश करनी यानी जांच की मांग पर सबसे पहले मायावती ने पलटवार करते हुए आधे हाथों लिया तो अब उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद गैंगरेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से डट गए है। वह पीड़िता और उसके परिवार से मिलने के बाद फफककर रो पड़े थे ।
इस मामले में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने सपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीडीए का इनका नारा झूठा है. वे ‘पी’ पिछड़ा और ‘डी’ दलित में भी हैं, वे दोनों जगह हमनाम हैं. इन्होंने हमें निकालकर एससी में रखा है। ओबीसी में लटकाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार लूटा। पीडीए का नारा है, क्या वो निषाद-दलित की बेटी पीडीए में नहीं है, तो कहां है. उसमें जो ‘ए’ है, वो इज्जत लूट रहा है. वो उनका बेस वोट बना हुआ है। मजबूरी है कि सपा उन्हें नहीं निकाल रहा है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने एबीपी चैनल से बातचीत में कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो वो किसी अपराधी को संरक्षण देना बंद करें क्योंकि किसी अपराधी की जाति नहीं होती है।
ये बड़े शर्म की बात है कि आरोपी सपा नगर अध्यक्ष हैं। आखिर क्या मजबूरी है कि गरीब की इज्जत लूटी गई है, तो वहां के सांसद उसके साथ नहीं खड़े हैं।वे उससे मिलने क्यों नहीं गए। वे दोषी को सख्त सजा देने की मांग करते है।. रात में 12 बजे उनका चेयरमैन जाकर धमकी देता है। मुकदमा वापस ले लो, रुपये ले लो और अबार्शन करा लो। साल 2012 से उसके घर में चौकी चल रही थी। सांसद से प्रेसवाले पूछते हैं, तो कहते हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं है। इस घटना के बाद घर बैठ जाते हैं, पीड़िता से नहीं मिलते हैं ये साबित करता है कि उनके समाज के लोगों ने उनके ऊपर भरोसा किया।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि संतकबीरनगर और सुल्तानपुर के सांसद भी जिन्हें निषादों ने जिताया है।लेकिन वे भी निषादों के साथ खड़े रहने का वादा पूरा नहीं कर रहे हैं। समाज को पार्टियां ले जाएंगी और मजबूर कर देंगी। वे गुलाम बनकर रहेंगे, निषाद समाज ने कहा कि हमारा सांसद होगा, तो आवाज उठाएगा। तो आवाज कहां गुम हो गई। निषाद की आवाज नहीं है, वो सपा की आवाज हैं और उनके इशारे पर चल रहे हैं।