मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एयरपोर्ट और ग्रीन फोल्ड टाउनशिप जैसी परियोजनाओं को देखते हुए जेवर में 100 बेड के अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का संयुक्त प्रोजेक्ट स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया था और इसका काम भी शुरू हो गया था । आपको बता दें तब इसके लिए यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई थी। इसका शिलान्यास जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने जुलाई 2023 में किया था और तब जेवर विधायक ने दावा किया था कि योगी सरकार आदित्यनाथ के नेतृत्व में जेवर की तस्वीर बदलती गई है और जनपद को मिल रहा पहले सरकारी ट्रामा सेंटर आने वाले समय में अनेक लोगों के साथ-साथ उन गरीबों के भी काम आएगा जो आर्थिक तंगी की वजह से प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज नहीं कर पाते हैं ।
किंतु शिलान्यास के समय इसको जनहित का बताने वाले जेवर विधायक स्थानीय किसानों और उनके नेताओं के विवाद समाप्ति के दावे के बाबजूद समाप्त नहीं करा पाए और अब हालात यह है की 6 महीने से अस्पताल का निर्माण कार्य रुका हुआ है ।

लखनऊ में सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार भू स्वामी और स्थानीय किसान निर्माण नहीं शुरू करने दे रहे हैं। यमुना प्राधिकरण से भी स्वास्थ्य विभाग ने विवाद का समाधान पर काम करने के लिए मदद मांगी है दूसरी तरफ मुख्य सड़क पर बना रहे ट्रामा सेंटर का काम 40 फ़ीसदी हो चुका है जानकारों का कहना है कि अगर यह बिल्डिंग भी तैयार हो जाए तब भी बिना अस्पताल शुरू हुए इसका उपयोग नहीं हो पाएगा ।
पूरे प्रकरण को लेकर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह को भी पत्र लिखा है और कहा है कि जमीन के विवाद का निस्तारण कारण जिस जमीन का पर भौतिक कब्जा लेकर काम शुरू हो सके । सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा भी सीईओ को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पत्र लिख चुके हैं
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि 11 जुलाई 2023 को इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास करते समय जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने जो वादा इसके 30 अगस्त 2025 तक इसको पूरा करने का जो वादा किया था उसको पूरा करने के लिए वह स्थानीय किसानों के साथ मिलकर समस्या का समाधान करने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे है । जेवर और दनकौर क्षेत्र में माना जाता है कि धीरेंद्र सिंह का प्रभाव स्थानीय किसानों पर बहुत है किंतु ऐसा क्या कारण हो गया है कि जेवर विधायक के शिलान्यास करने के बावजूद स्थानीय किसान इस पूरे प्रकरण पर समझौते को क्यों तैयार नहीं है ।

आपको बता दें इससे पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भी किसानों के आंदोलन के समय जेवर विधायक द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर भी किसान नेता इसी तरीके से अड़ गए थे बाद में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी के आश्वासन के बाद ही जमीन की सहमति हो पाई थी । ऐसे में क्या जेवर विधायक के बाद यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह इस पूरे विवाद को जल्द से जल्द समाप्त कर पाएंगे या फिर अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन 2025 से आगे बढ़ना तय है ।


