बीते एक दशक से घाटे का सौदा बनी एनएमआरसी की नोएडा मेट्रो को लगातार लाभ में बदलने के लिया नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक डॉ लोकेश प्रयास कर रहे हैं । जानकारी के अनुसार नोएडा मेट्रो अब 6 स्टेशंस पर कियोस्क आरंभ करने की योजना ला रहा है । एनएमआरसी का दावा है की इन कियोस्क के जरिए लोगों को अपना छोटा व्यवसाय करने शुरू करने का मौका मिलेगा वहीं यात्रियों को मेट्रो स्टेशन पर ही कई सुविधाएं मिल सकेंगे इससे मेट्रो स्टेशन सिर्फ यात्रा के लिए ही नहीं बल्कि कई छोटी-मोटी जरूरत है पूरी करने का केंद्र भी बन सकेंगे ।
सेक्टर-51, सेक्टर-50, सेक्टर-76, सेक्टर अल्फा-1, सेक्टर डेल्टा-1 और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर वाला मेट्रो स्टेशन कियोस्क योजना में शामिल हैं। इन स्टेशनों पर क्योस्क लगाने की अनुमति दी जाएगी। इस योजना में हिस्सा लेने के इच्छुक लोग 17 अक्तूबर तक आवेदन कर सकते हैं।
नोएडा मेट्रो
ड्रा की जगह यहां भी लगेगी बोली, लोग बोले सब कुछ अमीरों के लिए
एनआरसी के सूत्रों के अनुसार कियोस्क का आवंटन ई ऑप्शन के जरिए किया जाएगा यानी सबसे अधिक बोली लगाने वाले को कियोस्क मिलेगा आवेदन करते समय आपको कुल राशि का 10% ईएमडी के रूप में जमा करना पड़ेगा । एनएमआरसी में कियोस्क के लिए ड्रॉ की जगह ई ऑक्शन को एक बार फिर से लोगों ने गलत बताया। लोगों ने कहा है कि एक्शन के जरिए कोष लागू करके नोएडा प्राधिकरण वह वही तो लूट लेता है किंतु बाद में यह सभी की ओर सरेंडर हो जाते हैं इससे पहले नोएडा के सेक्टर 18 में एक चाय के कियोस्क के लिए एक करोड रुपए की एक्शन के बाद खूब चर्चा हुई थी लेकिन बाद में बोली लगाने वाले ने उसे सरेंडर कर दिया था ऐसे में लोगों ने कहा कियोस्क जैसे छोटे-छोटे रोजगारों के लिए ई ऑक्शन की जगह ड्रॉ की योजना लाई जाए जिससे स्वाभाविक जरूरतमंदों को रोजगार मिल सके ।
वहीं कुछ लोगों ने इसको भी एनएमआरसी की विज्ञापन पॉलिसी की तरह फेल होने का अंदेशा जताया है। जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले एनएमआरसी ने जोर-शोर से यह बताया था कि एनएमआरसी की ट्रेनों में विज्ञापन के लिए एजेंसी को हायर किया गया है और वह एजेंसी ट्रेन के बाहर भी विज्ञापन लगा सकेगी । एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल विज्ञापन एजेंसी ने विजिबिलिटी ना होने के करण को बताते हुए अपने कॉन्ट्रैक्ट को सरेंडर करने की एप्लीकेशन दे दी है । माना जा रहा है कि टेंडर के अंदर दी गई मिनिमम 6 महीने की लिमिट पूरी करके स्टैंडर्ड को कैंसिल कर दिया जाएगा ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि एक बार फिर से आई ऑप्शन के जरिए कियोस्क देकर प्राधिकरण कहानी कोई बड़ी गलती तो नहीं करने जा रहा है ।