उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दबदबा दिखाई दिया है 2024 के चुनाव परिणाम के बाद ही माना जा रहा था कि बाबा की संगठन में पकड़ कमजोर हो रही है। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य बृजेश पाठक जिस तरीके से लगातार केंद्र में जाकर बैठ गए थे उस माना जा रहा था कि बाबा अब आने वाले समय में संगठन में अपने मन माफिक बदलाव नहीं कर पाएंगे ।
किंतु मंगलवार को उत्तर प्रदेश महिला राज्य आयोग की अध्यक्ष पद पर आगरा की रहने वाली हरी पर्वत निवासी बबीता चौहान की नियुक्ति के साथ यह साबित हो गया की प्रदेश में केंद्र का दखल अब कम होने लगा है। दरअसल उत्तर प्रदेश के नोएडा से पूर्व विधायक और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती विमला बाथम का कार्यकाल करीब 2 वर्ष पूर्व समाप्त हो गया था।
विमला बाथम को डॉ महेश शर्मा कैंप का सदस्य माना जाता है, विमला बाथम पहली बार डा महेश शर्मा के सांसद चुने जाने के बाद ही नॉएडा सीट से विधायक चुनी गयी थी। डॉ महेश शर्मा इन दिनों अमित शाह के साथ नजदीकी के लिए जाने जाते हैं।
बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दोनों उपमुख्यमंत्रियों के मनमुटाव की खबरों के बीच बृजेश पाठक के डॉक्टर महेश शर्मा के घर आने जाने के समाचार भी मीडिया में खूब आए थे तभी माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ बन रही धुरी नोएडा के सेक्टर 14 से संचालित किये जाने की चेष्टा की जा रही है ।
ऐसे में उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव लीना जौहरी द्वारा मंगलवार को जब बबीता चौहान को महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया तब इन सभी अफवाहों को और बल मिल गया और यह माना जा रहा है कि विमला बाथम को डॉक्टर महेश शर्मा के करीबी होने की सजा मिली है।
वही विमला बाथम को अध्यक्ष ना बनाए जाने से गौतम बुध नगर में वैश्य समाज को बड़ा झटका लगा है वैश्य समाज लगातार जिले के राजनीतिक परिदृश्य में सभी प्रमुख पदों पर अपनी हिस्सेदारी और दावेदारी को मजबूत करने में लगा है। वैश्य समाज के सूत्रों की माने तो जिले में अपना सांसद और विधायक बनने के लिए व्यापारिक, आरडब्ल्यूए से लेकर सभी तरीके के राजनीतिक दलों और संगठनों में अपने नेताओं की प्रमुख भूमिका चाहता है। यहां तक जिले के कई आरडब्ल्यूए के संगठनों में अध्यक्ष और सचिव बनने के लिए सावधान दंड भेद सब तरीके के प्रयास भी करता है। जिससे आने वाले समय में सांसद और विधायक के पद पर उनकी दावेदारी मजबूत हो सके ।
नोएडा सेक्टर 11 आरडब्ल्यूए चुनाव में वैश्य समुदाय के प्रत्याशियों, और चुनाव अधिकारियों के ऊपर चुनाव में जीत के लिए हेरा फेरी और भ्रष्टाचार के आरोप के लगे उसे यह बात कहीं न कहीं साबित भी होती है।
इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि जिले के दो प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों ही में मनोज गुप्ता और आश्रय गुप्ता नोएडा महानगर अध्यक्ष के रूप में वैश्य समाज ने अपना प्रभुत्व जमा रखा है। किंतु अब विमला बाथम के राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष पद पर रिपीट ना किए जाने से वैश्य समाज की इस मुहिम को झटका भी माना जा रहा है।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव को भी झटका देते हुए मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष बना दिया है उपचुनाव से ठीक पहले हुए इस घटना क्रम से यह माना जा रहा है कि अपर्णा यादव के नाम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करहल में यादवों को भाजपा की तरफ मोड़ने की तैयारी कर रहे हैं ताकि अखिलेश यादव को भी बड़ा झटका दिया जा सके।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में महिला आयोग के सदस्यों के बहाने किसकी राजनीति आगे क्या रूप लेगी? जिले में वैश्य समुदाय अपनी इस हार को जीत में बदलने के लिए किस तरीके के प्रयास करेगा यह आने वाला समय बताएगा ।