क्या पीडीए अखिलेश यादव के और समाजवादी पार्टी के लिए एक समस्या बनने लगा है ? खास तौर पर पीडीए में दलित नेताओं द्वारा लगातार समाजवादी पार्टी में अपनी उपेक्षा के आरोप लगाए जाने से क्या दलितों का मोह पार्टी से भंग हो रहा है या फिर समाजवादी पार्टी के पुराने नेता अपनी सामंतवादी सोच के चलते दलितों को पार्टी में स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं । दरअसल गौतम बुद्ध नगर के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष एवं महासचिव के खिलाफ जाटव समाज द्वारा एक पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद एक बार फिर से समाजवादी पार्टी में आंतरिक संघर्ष दिखाई देने लगा है । एनसीआर खबर के पास इस पत्र की प्रतिलिपि मौजूद है।
जाटव समाज ने जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी पर उपेक्षा के लगाए आरोप
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में डॉ अंबेडकर मानव कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष सोहनलाल सोनी ने आरोप लगाए कि समाजवादी पार्टी गौतम बुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष एवं महासचिव द्वारा दिनांक 25 अगस्त को जिला कार्यालय पर संविधान स्तंभ स्थापना कार्यक्रम में जाटव समाज के नेताओं का खुलेआम अपमान किया गया है।
इस कार्यक्रम में जाटव समाज के वरिष्ठ नेता एवं समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव राकेश गौतम एडवोकेट समेत काफी बड़ी संख्या में जाटव समाज के नेता भी मौजूद थे। किंतु इन दोनो नेताओ द्वारा किसी भी जाटव समाज के पदाधिकारी का ने तो मंच पर लगे होर्डिंग में जगह दी गई और ना ही कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच पर जगह दी गई। मंच के पीछे होर्डिंग में केवल गुर्जर समाज के नेताओं के फोटो थी। इस प्रकरण से जाटव समाज में भारी रोष है।
इस प्रकरण पर जाटव समाज का कहना है कि ये लोग केवल एक जाति की ही राजनीति कर रहे हैं जबकि आपके द्वारा जो पीडीए का नारा पूरे प्रदेश में दिया गया था उसका खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। सत्यता यह है कि जिला अध्यक्ष और महासचिव दोनों ही लोकसभा चुनाव में अपने बूथ तक नहीं जिता पाए। एनसीआर खबर ने इन आरोपों को लेकर को लेकर जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी से संपर्क करने का प्रयास किया किन्तु उनका फोन नहीं उठाI
आपको बता दें कि इससे पहले वैश्य समुदाय के नेताओं द्वारा अपने संगठनों से जिले में वैश्य समुदाय को दरकिनार कर उपेक्षा के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी ने पलटवार करते हुए वैश्य नेता जितेंद्र अग्रवाल पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए थे। यद्यपि सप्ताह बीतने पर भी वैश्य समुदाय के नेताओं के लिखे पत्र पर शीश नेतृत्व ने क्या एक्शन लिया इसकी जानकारी किसी को नहीं है। ऐसे में अब जाटव समाज के इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पार्टी के जिला नेतृत्व पर तरह-तरह से के सवाल उठ रहे हैं तो अखिलेश यादव पर संगठन में बढ़ रही आंतरिक गुटबाजी को जल्द ही नियंत्रित करने की भी बातें होने लगी है ।