ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सूरजपुर वेटलैंड से लगे सेक्टर R 6 के प्लॉट नंबर 1 पर बन रहे बैंक्विट हॉल पर वन विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं ।
क्षेत्रीय वन अधिकारी सिकंदराबाद को लिखें इस पत्र में कहा गया है कि अधोहस्ताक्षरी के संज्ञान में आया है कि मकान संख्या R 6, 130 मी रोड ग्रेटर नोएडा में बैंक्वेट हॉल का निर्माण किया जा रहा है इस संबंध में आपको निर्देश दिए जाते हैं कि मौके पर स्थलीय जांच कर सुनिश्चित करें कि उक्त निर्माण कार्य से किसी वन्य जीव वृक्ष एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है इसके साथ ही इसकी प्रतिलिपि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ को भी प्रेषित कर दी गई है ।
आपको बता दें कि एनसीआर खबर ने भी इस बाबत एक समाचार प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया था कि सूरजपुर वेटलैंड से लगे सेक्टर R6 प्लॉट नंबर 1में एक भव्य बैंक्विट हॉल का निर्माण किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्लॉट को 2015 में अलॉट किया गया था यद्यपि यह नहीं पता चल पाया कि इसका आवंटन बैंक्विट हॉल के लिए किया गया था और यदि किया गया था तो क्यों और कैसे किया गया था ।
साइबेरिया से आने वाले पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है सूरजपुर वेटलैंड, बढ़ती आबादी से पहले ही घट रही यहां आने वाले पक्षियों की संख्या
सूरजपुर वेटलैंड साइबेरिया से आने वाले पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है और सदियों के मौसम (सितंबर से लेकर मार्च) तक यहां वह पक्षी रहते हैं ऐसे में अगर यहां बैंकट हॉल का निर्माण होता है तो उसके वजह से होने वाले कोलाहल से यह पक्षी परेशान हो सकते हैं या फिर यहां से अपना रास्ता बदल सकते हैं ।
जनवरी 2024 में हुए सर्वे के अनुसार बीते वर्ष के मुकाबले सूरजपुर वेटलैंड में आने वाले पक्षियों की संख्या पहले ही 15 प्रतिशत तक गिर गई है। पक्षी विशेषज्ञ श्याम भागरा, रोहित शर्मा के अनुसार वेटलैंड क्षेत्र के आसपास तेजी से कालोनियां बस रही हैं। सर्दियों के आने के पैटर्न में भी बदलाव आया है इसके साथ ही प्रदूषण एक बड़ा कारण है जिसके कारण पक्षियों का आगमन प्रभावित होता है पक्षी विशेषज्ञ के अनुसार 2022-23 में 10 से 12000 पक्षी वेटलैंड में आए थे जबकि 2324 में इनकी संख्या 9000 के पास रह गई थी। इस वर्ष पहले ही पीड अवोकेट, रुडी शेलडक, टफ्ड डक, वेस्टर्न मार्श हेरियर प्रजातियाँ यहाँ नहीं आई थी I
ऐसे में बढ़ती अवैध कलानियों के बाद अब अगर सूरजपर वेटलैंड के पास बैंक्विट हॉल खुल जाता है तो इसके कारण होने वाले प्रदुषण, और कोलाहल के कारण यहां आने वाले पक्षियों की संख्या में कितनी कमी आएगी यह कहना मुश्किल है।
सबसे ज्यादा संख्या में आने वाले पक्षी
- ग्रेलैग गीज, मध्य एशिया, 428
- कॉमन टील, उत्तर एशिया, 333
- नोर्दन शॉवेलर, उत्तर एशिया, 450
- गडवाल, उत्तर एशिया,
रेड लिस्टेड पक्षियों की प्रजातियां
- ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, स्थानीय प्रजाति
- ब्लैक हेडेड इबिस, स्थानीय प्रजाति
- ब्लैक टेल्ड गॉडविट, शरदकालीन प्रवासी
- कॉमन पोचार्ड, शरदकालीन प्रवासी
- फेरूजीनस डक, शरदकालीन प्रवासी
- पेंटेड स्टॉर्क, स्थानीय प्रवासी
- ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, शरदकालीन प्रवासी