लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी और गौतम बुद्ध नगर के लोकसभा प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर के बीच दूरिया बढ़ गई है, क्या गौतम बुध नगर जिले में समाजवादी पार्टी सब कुछ सही नहीं चल रहा है । क्या पार्टी के विभिन्न छत्रप अपनी अपनी राजनीति के लिए एक दूसरे के बिना ही अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने में लग गए हैं । क्या राजनीति में भाजपा को हारने से पहले बीजेपी समाजवादी पार्टी में संगठन और सांसद प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर के बीच वर्चस्व की लड़ाई अब सामने से दिखाई देने लगी है ?
ऐसे सभी प्रश्नों को लेकर समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सांसद प्रत्याशी और संगठन द्वारा किए गए अलग-अलग कार्यक्रमों के बाद ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई है । दरअसल आज जिला कार्यालय पर जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी समेत संगठन के तमाम लोगों ने मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया । इस कार्यक्रम में उनके अलावा पूर्व जिला अध्यक्ष फकीरचंद नागर, पूर्व जिला अध्यक्ष इन्दर प्रधान, राहुल अवाना, गजराज नागर, नरेंद्र नागर, प्रताप चौहान उपस्थित थे किंतु गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े डॉ महेंद्र नागर उपस्थित नहीं थे
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि डॉ महेंद्र नागर की अनुपस्थिति पर सवाल उठे हो इससे पहले भी डॉक्टर महेंद्र नागर जिला कार्यालय पर हुए कई कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दिए किंतु आज डॉ महेंद्र नागर ने अपने गांव मिल्क लच्छी में संगठन से अलग कार्यक्रम आयोजित करके इन चर्चाओं को हवा दे दी है । इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के गौतम बुद्ध नगर में भीष्म पिता माने जाने वाले वीर सिंह यादव और सुधीर भाटी पर वैश्य समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाने वाले जितेंद्र कुमार अग्रवाल जैसे कई लोग दिखाई दिए ।
इसके बाद एक बार फिर से पार्टी में जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी और अखिलेश यादव की आंख का तारा बने डॉक्टर महेंद्र नागर के बीच की दूरियां दिखाई देने लगी हैं ।
माना यह जा रहा है की समीक्षा बैठक में कुछ लोगों पर पैसे लेने के जो आप डॉ महेंद्र नागर ने लगाए थे उसके बाद से दूरियां और बढ़ गई हैं । कहा जा रहा है डॉक्टर महेंद्र नागर तब से ही लगातार कार्यालय पर संगठन के किसी कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं ।
समाजवादी पार्टी के सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि 2 दिन पहले सुधीर भाटी को बिना सूचना दिए जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अर्थी निकाल कर पुतला जलाया गया उसके पीछे भी कहीं ना कहीं डॉक्टर महेंद्र सिंह नागर लॉबी का हाथ हो सकता है । पार्टी सूत्रों की माने तो राजकुमार भाटी और सुधीर भाटी दोनों ही इस घटनाक्रम के बाद हक्का-बक्का रह गए थे किंतु पार्टी की इमेज के चलते उन्होंने डैमेज कंट्रोल की कोशिश जरूर की । हालांकि सुधीर भाटी ने घटना की रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को भेज दी है ।
वही पार्टी में बढ़ रहे विवाद में जिले में गुर्जर समुदाय में नागर बनाम भाटी के बीच की जंग बढ़ती जा रही है । दावा है कि सुधीर भाटी को जिलाध्यक्ष पद से हटाने के लिए चुनावों के बाद ही लगातार षड्यंत्र किये जा रहे है ।पार्टी समीक्षा बैठक में अखिलेश यादव ने डॉक्टर महेंद्र नगर को लोकसभा मध्यवर्ती चुनाव के लिए लगातार तैयारी करने को कहा है तो पार्टी के कई लोग उन्हें लोकसभा के अलावा विधानसभा में भी दादरी विधानसभा से अगला समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार मान रहे है । कई लोग यह दावा करते हैं कि डॉ महेंद्र नागर सुधीर भाटी की जगह अपनी पसंद का जिला अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। ताकि चुनाव की तैयारी के लिए उनको संगठन का भी पूरा सहयोग मिल सके।
ऐसे में डॉक्टर महेंद्र नागर और जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी के बीच की लड़ाई को क्या अखिलेश यादव स्वयं शांत करेंगे या फिर इस खेल में जल्द ही किसी एक को ऐसी जीत हासिल होगी इसके बाद समाजवादी पार्टी का पूरा वर्चस्व उसी के हाथ में होगा ये आने वाला वक्त बताएगा ।