आशु भटनागर । उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिलाअध्यक्षों की घोषणा के बाद कांग्रेस ने भी गुरुवार देर रात सभी 75 जिलों में अपने जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी । भाजपा और कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा के साथ ही समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में जल्द ही संगठन में भारी फेर बदल के संकेत दिए हैं । शुक्रवार को ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने इस पूरे मामले पर मीडिया में आये एक समाचार को शेयर करते हुए लगभग इस पर मोहर लगा दी है ।
समाजवादी पार्टी से मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा का ही इंतजार था । ताकि वो भाजपा और कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के आधार पर पार्टी में अपनी रणनीति तय कर सके। 2024 के लोकसभा चुनाव में जीती हुई सभी सीटों पर जिलाअध्यक्षों को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पहले ही आगे काम करने की हरी झंडी दे चुके हैं । माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में हारी हुई सीटों में लगभग 20 से 30 जिलाध्यक्षों पर बदलाव की घोषणा कर सकती है । कांग्रेस से लगातार बढ़ती दूरी के बीच इनमें वो सीट भी शामिल हैं जिन पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी ।
ऐसे में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद दोनों ही जगह समाजवादी पार्टी के संगठन में बदलाव को लेकर तमाम तरीके की चर्चाएं शुरू हो गई हैं । बताया जा रहा है गौतम बुध नगर में जिले में फकीरचंद नागर डॉक्टर महेंद्र नागर और वर्तमान अध्यक्ष सुधीर भाटी के बीच जिला अध्यक्ष को लेकर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। किंतु सुधीर भाटी को बाकी दोनों ही प्रत्याशियों पर युवा होने का लाभ मिलता दिख रहा है । यद्यपि एक चर्चा ये भी है कि 2024 लोकसभा का का टिकट मांग रहे जगदीश शर्मा को अध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के ब्राह्मण अध्यक्ष के मुकाबले बड़ा दांव चल सकती है ।
कहा जा रहा है कि सपा में चर्चा सुधीर भाटी के पुनः जिला अध्यक्ष बनाए जाने की ही हो रही है। इसमें फकीरचंद नागर की बढ़ती उम्र और डॉक्टर महेंद्र नागर के दूसरी पार्टी से आने का हवाला भी दिया जा रहा है। दावा तो यहां तक है कि स्वयं अखिलेश यादव ने सुधीर को अपना कार्य करते रहने को कहा है ।
वहीं नोएडा महानगर सीट पर लगातार शहरी जिला अध्यक्ष के लिए प्रयोग कर रही समाजवादी पार्टी में एक बार फिर से सपा की यादव लाबी भारत सिंह यादव और राकेश यादव के लिए दावा करते दिखाई दे रहे हैं । चर्चा है कि वर्तमान अध्यक्ष डॉ आश्रय गुप्ता को लेकर कई शिकायतें लगातार पार्टी में की गई है। दूसरी ओर कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी में अब नॉन यादव, नॉन वैश्य अध्यक्ष की मांग भी उठ रही है ।
डॉ आश्रय गुप्ता के लिए गैर वैश्य नेताओं से ज्यादा पार्टी के अंदर ही मौजूद अन्य तीन वैश्य नेताओं ने ज्यादा समस्या खड़ी की है । कहा जाता है पार्टी में डॉ आश्रय गुप्ता के विरुद्ध, विपिन अग्रवाल मनोज गोयल और गौरव सिंघल तीनों ही नोएडा महानगर अध्यक्ष से लेकर विधानसभा प्रत्याशी तक के लिए सपने देखते रहते हैं । ऐसे में डॉ आश्रय गुप्ता पार्टी के कार्यों को वैश्य समाज में ही सफलतापूर्वक नहीं बढ़ा पाए हैं। दूसरा तथ्य यह भी है कि चारों ही नेता आश्रय गुप्ता के अध्यक्ष बनने से आज तक कोई बड़ा वैश्य सम्मेलन समाजवादी पार्टी के लिए नहीं कर पाए हैं और ना ही वैश्य समुदाय से कोई बड़ा सदस्यता अभियान पार्टी के लिए कर पाए है । चारों ही नेताओं की वैश्य समाज में कमजोर स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के वैश्य समाज के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति हमेशा ही हाशिए पर दिखाई देती है। जिसके चलते आश्रय गुप्ता की नोएडा महानगर में अध्यक्ष के तौर पर साख कमजोर हो जाती है।
शहरी क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले सपा में वैश्य समाज के पूर्व नेता शैलेंद्र बरनवाल आश्रय गुप्ता की वैश्य राजनीति और कार्यशैली पर तंज करते हुए कहते हैं कि उनको लोकसभा चुनाव में वोट से एक दिन पहले प्रत्याशी के भतीजे द्वारा संपर्क किया गया इसके बाद उन्होंने पार्टी के प्रति समर्पण दिखाते हुए आखिरी दिन अपील भी करी और क्षेत्र में लोगों को प्रोत्साहित भी किया किंतु यही काम अगर आश्रय गुप्ता चुनाव की घोषणा के बाद समय से करते तो वह शहरी और वैश्य समुदाय से बड़ा हिस्सा पार्टी के लिए खड़ा कर सकते थे ।
नोएडा में पार्टी का एकमुश्त कहा जाने वाला मुस्लिम वोटर भी अब अपने लिए मुस्लिम अध्यक्ष की मांग करता दिखाई दे रहा है । नोएडा महानगर में वर्तमान में मुसलमान से दो ही चेहरे दिखाई दे रहे हैं जिनमें नौशाद और बिलाल बरनी की चर्चाएं होती दिखाई दे रही है । नौशाद के बारे में कहा जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कमाल अख्तर से उनकी नजदीकियां उनको नोएडा महानगर में अध्यक्ष के पद तक पहुंचा भी सकती हैं । वही गौतम बुध नगर में एक मुस्लिम जिला अध्यक्ष देकर पार्टी गौतम बुद्ध नगर से लेकर मेरठ तक मुसलमान को यह संदेश देने में सफल भी हो सकती है की समाजवादी पार्टी शहरी जगह भी मुसलमान को अध्यक्ष बना सकती है । नोएडा महानगर में कांग्रेस पहले ही मुस्लिम महानगर अध्यक्ष देकर इस मामले में बाजी मार चुकी है।
वही पार्टी का एक बड़ा धड़ा पूर्व जिला अध्यक्ष दीपक विग के लिए भी एक बार फिर से जिला अध्यक्ष बनाने की मांग करता दिख रहा है। लोगों का कहना है कि दीपक विग के कार्यकाल में ही पार्टी ने शहरी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए वोटो की जबरदस्त बढ़त भी हासिल की थी। दीपक विग पार्टी के वैश्य, मुस्लिम, यादव और शहरी नेताओं के बीच एक बराबर लोकप्रिय है। भाजपा से सपा में आने के कारण उनका भाजपा से लड़ने के सभी तरीके मालूम है। ऐसे में उनको नोएडा महानगर अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी 2027 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखा सकती है।
ऐसे में आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी गौतम बुध नगर और नोएडा महानगर दोनों ही जगह अध्यक्षों को लेकर क्या फैसला लेगी यह जल्द ही आने वाले दिनों में दिखाई दे सकता है ।