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फॉलोअप: नमोली की जमीन पर  म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के बाद सामने आया किसानों का पक्ष, डी एम के पास पहुंच कर जताया मालिकाना हक , दिया ज्ञापन

आशु भटनागर । एलजी राउंड अबाउट से शारदा विश्वविद्यालय के बीच नामौली गांव में टी-सीरीज (T-Series) की जमीन पर सड़क बना रहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध टी-सीरीज द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने के 1 दिन बाद अब किसानों ने उस पर अपना दावा किया है । शुक्रवार को टी-सीरीज प्रबंधन द्वारा प्रेस वार्ता की गई थी जिसके ने अगले ही दिन किसानों ने 360 एकड़ जमीन के स्वामित्व का प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के बाबजूद मुआवजा उठाने और बेचने का आरोप टी-सीरीज पर लगाया है । प्रेस वार्ता में आशीष कसाना, किशन चन्द, धर्म्नेद्र प्रधान, शेखर पहलवान, वेदवती देवी, ललिता देवी, आदि शामिल रहे I

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टी-सीरीज की प्रेस कांफ्रेंस का समाचार यहाँ क्लिक करके पढ़े

शनिवार को किसानों ने जिलाधिकारी अपर जिलाधिकारी मुख्यमंत्री को दी अपनी शिकायत में भूमि की खरीद फरोख्त बंद करने उच्च स्तरीय जांच कारण हाई कोर्ट का फैसला आने तक जमीन के मुआवजा उठाने पर रोक लगाने जैसी मांगे की । उन्होंने पुरे प्रकरण की जांच एसआईटी से करने की मांग की I उसके बाद प्रेस वार्ता में किसानों ने दावा किया कि 1945 में उनके परिवारों के 9 लोग जोधसिंह, मुंशी, लाल सिंह मंगत, दुलीचंद, प्रेमचंद, गिरवर, नवल और होराम ने 360 एकड़ जमीन लाला सुंदरलाल से खरीदी थी ।

आरोप है कि 1984 से 1987 में चकबंदी प्रक्रिया के तहत तत्कालीन सिकंदराबाद तहसील में हेरा फेरी करके उनके नाम हटाकर अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए और भूमि गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) की टी सीरीज और अन्य कंपनियों को बेच दी। किसानों का दावा है कि जिन पूर्वजो की मृत्यु 1970- 71 में हो गई है उनके नाम से फर्जी बैनामे 1987- 88 में कराए गए । चकबंदी के दौरान बैनामो पर प्रतिबंध होता है इसके बावजूद कंपनी के नाम पर बेनामें हुए।

किसानों ने दावा किया कि कई लोगों ने रेलवे से मुआवजा भी उठाया है । उन्होंने कहा कि जमीन पर फिर से नाम दर्ज करने के लिए जिलाधिकारी न्यायालय में वा दायर किया था जिसमें किसानों के पक्ष में निर्णय भी हो गया था इसके बाद टी-सीरीज ने मेरठ मंडलआयुक्त के पास दावा किया वहां अदब पैरवी में किसानो का वाद खारिज कर दिया गया। मामले को लेकर किसान हाई कोर्ट चल गये जहां 2017 से मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है किसानों का आरोप है कि हाई कोर्ट में मामला होने के बावजूद इस जमीन के हिस्सों को बेचा जाता रहा है ।

आपको बता दें कि टी-सीरीज ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता करके एलजी गोल चक्कर से शारदा विश्वविद्यालय के बीच बना रही सड़क के लिए प्राधिकरण पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए दूसरे हिस्से को सशर्त देने की बात कही थी । कंपनी ने कहा था प्राधिकरण को वह बचे हिस्से की जमीन तभी देगा जब प्राधिकरण उनके बाकी हिस्से को एसईजेड बनाकर देगा  या  उसकी 10 एकड़ के बदले में विकास परियोजना की मंजूरी सड़क के लिए आसपास की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने और सड़क के लिए इस क्षेत्र में बराबर जमीन देगा ।

पूरे प्रकरण को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है । टी-सीरीज के दावों से उलट प्राधिकरण की जीएम प्लानिंग लीलू सहगल दावा किया था कि कंपनी  के साथ किसी स्तर पर वार्ता नहीं हुई है बोर्ड में सड़क के लिए जरूरी जमीन के अधिकरण का प्रस्ताव दिया था जल्द ही शासन के निर्णय के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। प्राधिकरण के सूत्रों का दावा है कि वह मास्टर प्लान के अंतर्गत सड़क को बनाने के लिए स्वतंत्र हैं मामला जल्द ही शासन को भेज कर सुलझा लिया जाएगा ।

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आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते 15 वर्षो से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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