NCRKhabar Exclusiveएनसीआरगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नॉएडा

ऑपरेशन डिफाल्टर बिल्डर : कैसे बचे कोई इनसे, आज की रिपोर्ट अंसल गोल्फ लिंक 2 हाउसिंग सोसायटी से

राजेश बैरागी । बिल्डरों को क्या महाचोर कहा जा सकता है? मुझे लगता है कि उनके लिए यह उपाधि उनके आचरण के लिहाज से कमतर बैठती है। अमूमन सभी बिल्डर के द्वारा अपने फ्लैट बायर्स और भूखंड खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की गई है। नोएडा ग्रेटर नोएडा में कार्यरत बिल्डरों के विरुद्ध प्राधिकरण का पैसा न देने और फ्लैट बायर्स को फ्लैट न देने के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे सभी मामलों में बिल्डरों के विरुद्ध भूखंड आवंटन निरस्त करने से लेकर रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने और आपराधिक मुकदमे दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है

जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा,ग्रेटर नोएडा,यीडा और यूपीसीडा से संबंधित लगभग तीन सौ बिल्डर प्रोजेक्ट को लेकर कानूनी व प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।इन बिल्डरों के विरुद्ध इन चारों प्राधिकरणों के तीस हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया हैं। जेपी एसोसिएट्स जैसे कभी सरकार के सबसे चहेते बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित कराकर फ्लैट बायर्स को उनके हाल पर छोड़ कर ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। अंसल एपीआई के विरुद्ध लखनऊ से लेकर उसके तमाम ठिकानों पर ईडी, आयकर विभागों द्वारा छापे डाले जा रहे हैं। सिक्का और न जाने कितने ही बिल्डरों के विरुद्ध विभिन्न थानों में आये दिन मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।

Advertisement
Yatharth Two New Hospital Digital Ad 900 X 900 PX 1

सुपरटेक के मालिक आर के अरोड़ा कम से कम दो बार जेल यात्रा कर आए हैं जबकि आम्रपाली के निदेशक सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेल भेजे गए हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र में बिल्डर+राजनेता+अधिकारी गठजोड़ को एक तरफ रख दिया जाए तो भी बिल्डरों की काली करतूतें कम नहीं हैं। एक बिल्डर के लिए उसका कोई भी एक प्रोजेक्ट पीढ़ी दर पीढ़ी फ्लैट बायर्स का खून चूसने और अवैध कमाई का एक बड़ा साधन बन जाता है। नोएडा ग्रेटर नोएडा में देखने में आ रहा है कि आधे अधूरे प्रोजेक्ट में खरीदारों को बसाकर बिल्डर द्वारा रखरखाव के नाम पर लूटा जा रहा है।ऐसा सभी प्रोजेक्ट में होता है।

आये दिन पानी आपूर्ति, सफाई, सुरक्षा को लेकर बिल्डर के गुंडों और बायर्स के बीच झगड़े और मारपीट की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। कहीं कहीं फ्लैट बायर्स एसोसिएशन जिसे अपार्टमेंट एक्ट में एओए कहा जाता है, के प्रतिनिधियों की गुंडागर्दी के भी मामले सामने आते हैं। कहीं किसी बिल्डर द्वारा रखरखाव को मानकों के अनुरूप किए जाने की जानकारी नहीं मिलती। आजकल ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अजनारा के छः सौ से अधिक फ्लैट बायर्स के गंदा पानी पीने से बीमार पड़ने की खबर सुर्खियों में है। प्राधिकरण द्वारा इस मामले में बिल्डर के विरुद्ध लाखों रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है जबकि प्राधिकरण का करोड़ों रुपया पानी का ही बकाया चल रहा है।

बिल्डर कैसे अपने चोरी, धोखाधड़ी और डकैती के कार्यों को अंजाम देता है,इसकी एक छोटी सी बानगी सूरजपुर तिलपता गोलचक्कर के निकट अंसल गोल्फ लिंक 2 हाउसिंग सोसायटी में देखी जा सकती है। यह प्रोजेक्ट 1996 का है।यूपीसीडा ने अंसल हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस प्रोजेक्ट को विकसित करने और बहुउद्देशीय संपत्तियों को बेचने के लिए भूमि दी।एम ओ यू की शर्तों के अनुसार अंसल को यह प्रोजेक्ट पांच वर्षों में पूर्ण विकसित कर यूपीसीडा को वापस सौंपना था। उन्तीस बरस बाद भी यह प्रोजेक्ट अपने अधूरे विकास पर आंसू बहा रहा है। अधूरी सड़कें, बिजली के कटे फटे केबल और खुले नाले में गिरने वाला सीवर अंसल की चोरी और धोखाधड़ी बताने के लिए काफी हैं।

हाल ही में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देश पर अंसल यहां अधूरे विकास कार्यों को कराने को तैयार हुआ। इस संबंध में कानपुर स्थित यूपीसीडा मुख्यालय में यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने अंसल के प्रतिनिधियों को अधूरे विकास कार्य पूरे करने के लिए लिखित आदेश दिए जिनमें सबसे पहले एक एस्क्रो एकाउंट खोलकर उसमें ढाई करोड़ रुपए जमा करने का स्पष्ट आदेश भी शामिल है। अंसल ने इस आदेश का पालन अभी तक नहीं किया है जबकि सोसायटी में बनाए जा रहे रास्तों की एवज में आवंटियों से जबरन अवैध वसूली शुरू कर दी है। यहां यह बताना आवश्यक है कि अंसल द्वारा अधूरे विकास कार्य क्रमशः उच्च न्यायालय इलाहाबाद और यूपीसीडा सीईओ के आदेश पर तब कराए जा रहे हैं जबकि यूपीसीडा द्वारा आरडब्ल्यूए की लगातार की जा रही मांग पर अंसल के विरुद्ध 11.64 करोड़ रुपए का रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया गया था और उसी रिकवरी से बचने के लिए उसने अधूरे काम कराना स्वीकार किया था।

दिल्ली नोएडा, गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा समेत देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें या एनसीआरखबर वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
Show More

राजेश बैरागी

राजेश बैरागी बीते ३५ वर्षो से क्षेत्रीय पत्रकारिता में अपना विशिस्थ स्थान बनाये हुए है l जन समावेश से करियर शुरू करके पंजाब केसरी और हिंदुस्तान तक सेवाए देने के बाद नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा के संपादक और सञ्चालन कर्ता है l वर्तमान में एनसीआर खबर के साथ सलाहकार संपादक के तोर पर जुड़े है l सामायिक विषयों पर उनकी तीखी मगर सधी हुई बेबाक प्रतिक्रिया के लिए आप एनसीआर खबर से जुड़े रहे l

Related Articles

Back to top button