राजेश बैरागी । डिजिटलीकरण और कंप्यूटर क्रांति के इस युग में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) उत्तर प्रदेश राज्य का पहला ऐसा प्राधिकरण बनने जा रहा है जिसके डेढ़ लाख से अधिक आवंटियों को अब दर्जनों सेवाओं के लिए प्राधिकरण के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।आज 20 मई को हुई जीडीए बोर्ड की 169 वीं बैठक में डिजीटलीकरण के लिए PAHAL (public access for housing & property allotment login) नाम से बनाए गए पोर्टल को लागू करने के साथ अतिमहत्वाकांक्षी आवासीय योजना हरनंदीपुरम को आठ गांवों की 501 हेक्टेयर भूमि पर विकसित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स एवं सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में 20 वर्षों बाद हरनंदीपुरम के नाम से आवासीय योजना लाने जा रहा है।आठ गांवों मथुरापुर, शमशेर,चम्पतनगर, भनेड़ा खुर्द, नंगला फिरोज मोहनपुर,भोवापुर, शाहपुर व मोरटा की 501.2173 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होने वाली इस आवासीय योजना की भूमि खरीद पर प्राधिकरण ₹22,07,42,25840/- से भी अधिक धनराशि खर्च करेगा।
उल्लेखनीय है कि जीडीए भूमि खरीदने के लिए नये भूमि अधिग्रहण के अनुसार जिलाधिकारी सर्किल रेट से चार गुना दर पर मुआवजा भुगतान करता है।अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों में मधुबन-बापूधाम योजना में विवादित भूखंडों को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने तथा विजयनगर में 720 फ्लैट भवनों के निर्माण व पुनर्निर्माण कराने पर भी बोर्ड ने सहमति व्यक्त कर दी।मेरठ मंडलायुक्त सह जीडीए अध्यक्ष की अध्यक्षता में मंडलायुक्त कार्यालय में हुई जीडीए बोर्ड की 169 वीं बोर्ड बैठक में कुल 23 प्रस्ताव विचारार्थ रखे गए। बैठक में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़ के जिलाधिकारियों के प्रतिनिधि समेत दर्जनों विभागों तथा प्राधिकरणों के अधिकारी तथा बोर्ड सदस्य पवन गोयल मौजूद रहे।