राजेश बैरागी । सुप्रीम कोर्ट ने आज डीएनडी टोल प्लाजा मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वर्ष 2016 में दिए गए ऐतिहासिक फैसले को बरकरार रखते हुए नोएडा टोल ब्रिज कंपनी की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने फैसला सुनाते हुए डीएनडी निर्माण के लिए एनटीबीएल के चयन तथा उसके साथ किए गए करार के लिए नोएडा प्राधिकरण की कड़ी आलोचना की।
नोएडा दिल्ली के बीच यमुना नदी पर बने डीएनडी फ्लाई-वे पर टोल वसूली को लेकर चली आ रही डेढ़ दशक पुरानी जंग आज हमेशा के लिए समाप्त हो गई सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति द्वय सूर्यकांत व उज्जल भुइयां की पीठ ने नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड की उस विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 2016 में दिये गये निर्णय के विरुद्ध दायर की गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) ने डीएनडी पर नोएडा टोल ब्रिज कंपनी द्वारा वसूले जा रहे टोल टैक्स को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय द्वारा फोनरवा के दावे का परीक्षण करने के बाद डीएनडी को टोल फ्री करने का निर्णय सुनाया था।
एनटीबीएल ने इस निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखने के साथ डीएनडी निर्माण व टोल वसूली के लिए नोएडा ब्रिज कंपनी लिमिटेड के साथ किए गए एग्रीमेंट पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।एनटीबीएल ने अभिषेक मनु सिंघवी जैसे दिग्गज अधिवक्ताओं के पैनल को पैरवी के लिए खड़ा किया था।