आशु भटनागर । नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आरंभ करने की तैयारियो के बीच यमुना प्राधिकरण (यीडा) के दूसरे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मेडिकल डिवाइस पार्क पर भारत सरकार के औषधि मंत्रालय (Ministry of Pharma) के अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को भ्रमण कर निरीक्षण करने ओर यहां स्थापित हो रही बड़ी साइंटिफिक फैसिलिटी लैब की प्रगति से संतुष्ट होने के बाद अधिकारियों ने इस लैब के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले 100 करोड़ के कुल अनुदान की दूसरी किस्त जारी होने के संकेत स्पष्ट कर दिए है । वर्ष 2022 में इस लैब के निर्माण शुरू होने के समय पहली किस्त के 30 करोड रुपए पहले ही दिए जा चुके हैं।
यमुना प्राधिकरण के एसीईओ शैलेंद्र भाटिया ने एनसीआर खबर को बताया कि भारत सरकार के औषधि मंत्रालय (Ministry of Pharma) के निदेशक हितेंद्र साहू तथा टेक्निकल एसोसिएट आमिर खान शुक्रवार सुबह यीडा पहुंचे और यीडा अधिकारियों के साथ मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित करने के लिए किए जा रहे विकास कार्यों की मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण कर पार्क की प्रगति संतुष्टि प्रकट की ।
आपको बता दें कि कोविड के दौरान मेडिकल इक्विपमेंट के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भारत के चार राज्यों तमिलनाडु मध्य प्रदेश हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के लिए चुना। इनमें उत्तर प्रदेश में यमुना प्राधिकरण को इसके लिए सही माना गया । केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क को स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण ने 350 एकड़ जमीन को सेक्टर 28 में दे गई ।
यहां मेडिकल उपकरणों के उत्पादन के अलावा सपोर्ट सिस्टम विकसित करने के लिए इस तरह के सेंटर भी बनाने की योजना तैयार की गई है। मेडिकल डिवाइस कंपनियों के प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग और फैसिलिटी की विभिन्न कैटेगरी ( कॉमन आईटी फैसिलिटी, क्लाउड के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्लाउड, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन फैसिलिटी, सेंसर टेस्टिंग इंटीग्रेशन फैसिलिटी, इलेक्ट्रॉनिक एसेंबलिंग फैसिलिटी, थ्रीडी डिजाइन रैपिड प्रोटो फैसिलिटी, बायो मैटेरियल टेस्टिंग फैसिलिटी, इंटरनेट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी लैब, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेंटर, गामा एरिगेशन जोन और मेक्नोट्रॉनिक जोन ) के लिए यहां पर 177 करोड़ की कुल लागत से साइंटिफिक फैसिलिटी लैब के निर्माण की भी तैयारी की गई है। जिसके लिए भारत सरकार ने 100 करोड रुपए का अनुदान भी दिया है। इसकी पहली किस्त प्रोजेक्ट के शुरू होने के साथ ही दे दी गई थी शुक्रवार को अधिकारियों के दौरे के बाद निरीक्षण के बाद संतुष्टि जताई जाने के बाद दूसरी किस्त का रास्ता साफ हो गया है ।
महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि मेडिकल डिवाइस पार्क में अभी तक 73 कंपनियों को प्लॉट दिए गए । जिनमें पांच प्लॉट पर कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है । इनमें जर्मनी और अमेरिका की कंपनियां है । बृहस्पतिवार को ही जापान की ओर से मेडिकल एक्सीलेंस जापान के सीईओ केन्जी शिबुया (Kenji Shibuya) ने अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ भ्रमण ओर निरीक्षण किया और यहां पर इन्वेस्टमेंट की इच्छा जताई ।