शहर में आरडब्ल्यूए अध्यक्षों के महासंघ कहे जाने वाले फोनरवा के चुनाव पर उठ रहे विवाद का साया पड़ गया है समाजसेवी पी एस जैन ने जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि लोगों द्वारा की गई शिकायत के बाद रजिस्ट्रार ने एक्शन लेते हुए चुनाव को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
स्मरण रहे कि राजीव चौधरी, राजीव गर्ग समेत कई लोगों ने फोनरवा के कार्यकाल को खत्म होने के बाद किए गए जीबीएम के फैसले में चुनाव कराने को अवैध बताया था और उसकी शिकायत रजिस्ट्रार के पास की थी जिसके बाद तमाम उठा पटक के बाद अब चुनाव स्थगित हो गए हैं चुनाव स्थगित होने से योगेंद्र शर्मा गुट को बड़ा झटका लगा है ।
अभी तक नॉमिनेशन फॉर्म मिलने के दिन राजीव गर्ग गुट द्वारा नॉमिनेशन फॉर्म खरीदे जाने के बाद प्रश्न उठ रहे थे कि अगर राजीव गर्ग चुनाव कराने के तरीके को अवैध घोषित कराने के लिए रजिस्ट्रार के पास गए हैं तो फिर वह चुनाव में नॉमिनेशन क्यों भरने जा रहे हैं । कई लोगों ने इस बात को लेकर प्रश्न भी उठाया कि राजीव गर्ग को भी अपना स्टैंड एक तरफ रखना चाहिए या तो वह चुनाव को अवैध माने या फिर चुनाव को लड़ने की बात करें।
तो कई लोगों ने फोनरवा के पूर्व अध्यक्ष रहे एन पी सिंह पर भी परदे के पीछे से हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए, वहीं एनपी सिंह ने एनसीआर खबर से विशेष बातचीत में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया और कहा कि वह अब डीडीआरडब्ल्यूए में हैं और उनका फोनरवा या उसके चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
ऐसे में अब चुनाव स्थगित होने के बाद दोनों ही पक्षों की तैयारी को जहां एक और झटका लगा है वहीं नए चुनाव की तिथि घोषित होने तक चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है।
चुनाव स्थगित करने को लेकर श्रेय लेने की होड़ आरंभ
एक बीच चुनाव स्थगित होने के बाद स जैन ग्रुप द्वारा इसकी सूचना सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने को लेकर इसकी शिकायत में सबसे आगे रहे पूर्व सचिव राजीव चौधरी ने आरोप लगाया कि लोग उनसे मिलने के बाद मेरठ जाकर श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि
आज कुछ लोगो द्वारा मेरे से सुबह सुबह जानकारी ली गई उसके तत्काल बाद ये लोग मेरुत भागे ताकि जल्दी से कॉपी लेकर वायरल कर दे और दूसरे की मेहनत का श्रेय लूट सके।और इन्होंने वही किया जबकि मेरे द्वारा इस लिए वायरल नहीं किया गया ताकि हम सब सामूहिक प्रेस विज्ञप्ति बना कर सबके नाम के साथ पोस्ट करे तो अच्छा होगा सभी को श्रय मिल पाएगा।
अब मुझे कहना ही पड़ेगा मैं ये लड़ाई १/१०/२२ से लगातार अकेला लड़ रहा हू और जो लोग श्रेय लूटना चाहते है यह लोग २२/१०/२३ तक श्री योगेन्द्र जी के साथ मंच साझा करते आये है इनका उक्त मामले से कोई लेना देना नहीं है।