उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए लगातार नोएडा और यमुना प्राधिकरण विकास की नई गाथा लिखने जा रहे हैं । बीते दिनों केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ ) नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात होने वाले अपने अनमैरिड कर्मियों की आवासीय सुविधा के लिए एयरपोर्ट क्षेत्र में फ्लैट की मांग कर रहा था । जिसको अब ग्रेटर नोएडा पूरी करेगा। इससे पहले मैरिड लोगों के लिए पहले ही नोएडा इन्टरनेशल प्रांगण में फ्लैट तैयार हो चुके है । राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यमुना प्राधिकरण तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवासीय सुविधा का इंतजाम करने का आदेश दिया है। इस संबंध में दो दिन बाद 17 मई को होने जा रही बोर्ड बैठक में निर्णय लिया जा सकता है।
812 फ्लैट्स खरीदेगा सीआईएसएफ
प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 812 फ्लैट खरीदेगा। सेक्टर ओमिक्रोन 1 ए स्थित इन फ्लैटों में 534 फ्लैट एलआईजी श्रेणी के हैं जबकि 470 फ्लैट एमआईजी श्रेणी के हैं। इन्हीं में से 119 एलआईजी और 73 एमआईजी फ्लैटों को प्राधिकरण पुलिस, प्रशासन, न्यायालय व अपने कर्मचारियों को आवंटित करेगा।
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने ओमिक्रोन 1 ए सेक्टर में निर्मित बहुमंजिला आवासीय भवनों को किराए के आधार पर सीआईएसएफ को उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा था परंतु सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक विनय काजला व हवाई अड्डे के नोडल अधिकारी तथा यमुना प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र कुमार भाटिया ने उक्त फ्लैटों को सीआईएसएफ द्वारा खरीदने की इच्छा जताई है।
परवान नहीं चढ़ सकी थी समाजवादी सरकार में आई लोहिया एनक्लेव योजना
दरअसल 2013 में समाजवादी पार्टी सरकार के समय ओमिक्रोन वन और वन ए में लोहिया एनक्लेव योजना के बने अंतर्गत इन एलआईजी व एमआईजी भवनों की कुल संख्या 1320 है। जानकारी के अनुसार 2017 में बन कर तैयार हुए इन सरकारी फ्लैट्स को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आए अफॉर्डेबल बजट फ्लैट के सामने बहुत नुकसान हुआ। समाजवादी पार्टी की आंतरिक लड़ाई के चलते लोहिया एनक्लेव फ्लैट्स की योजना को स्थानीय समाजवादी नेताओं ने भी महत्व नहीं दिया । पार्टी के नेताओं की पार्टी की योजनाओं के प्रति राजनैतिक निकम्मेपन की पराकाष्ठा यह है कि प्रापर्टी डीलिंग और जातीय, क्षेत्रीय राजनीति में लगे रहने वाले स्थानीय समाजवादी पार्टी के नेताओं को इन फ्लैट्स के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।
बताया जाता है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की उदासीनता और निजी फ्लैट के सामने ऊंची कीमत के चलते 720 में से मात्र 186 एलआईजी तथा 600 में से 130 एमआईजी ही बिक पाए थे। तब से इन फ्लैटों को बेचने की ओर प्राधिकरण ने ध्यान ही नहीं दिया था।
ऐसे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी बीते कुछ समय से इन्हें पुनः बिक्री के लिए लाने की योजना बना रहे थे । इसी बीच एयरपोर्ट में सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवास की आवश्यकता उत्पन्न होने से इन फ्लैटों के बिक्री का रास्ता साफ हो गया है ।