राज्यसभा में भाजपा के खेल से समाजवादी पार्टी अभी उबरी भी नही थी कि इंडिया टीवी और सीएनएक्स का ओपिनियल पोल ने उत्तर प्रदेश में विपक्ष की नींद उड़ा दी है । जिसके अनुसार यूपी की 80 सीटों में से बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 78 सीटों पर जीत दर्ज करेगा।
इस ओपिनियल पोल के अनुसार पश्चिम की बिजनौर, नगीना, रामपुर, मुरादाबाद, कैराना और सहारनपुर से भी बीजेपी के जीतने की उम्मीद है । उत्तर प्रदेश में सिर्फ आजमगढ़ और मैनपुरी से समाजवादी पार्टी के जीतने की संभावना है जहां से अखिलेश यादव और डिंपल यादव प्रत्याशी है । यहां तक की बदायूं में धर्मेंद्र यादव के टिकट को काटकर शिवपाल यादव को टिकट देने के बावजूद समाजवादी पार्टी वहां से हार सकती है ।
ऐसे में अब प्रदेश भर में बीजेपी की तमाम सीटों पर क्या पुराने सांसदों को ही रिपीट किया जाना है या कुछ के टिकट कट सकते हैं । इसकी चर्चाएं एक बार तेजी से शुरू हो गई हैंi माना जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर की सीटों पर भाजपा अपने पुराने सांसदों को रिपीट करने जा रही है इसमें गाजियाबाद से वीके सिंह तमाम विरोध के बावजूद एक बार फिर से विजयी होते दिखाई दे रहे हैं तो गौतम बुद्ध नगर में लोकप्रिय वर्तमान सांसद डॉ महेश शर्मा अपने सभी विरोधियों को चारों खाने चित करते दिखाई दे रहे हैं ।
आपको बता दें कि गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह के खिलाफ राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल से लेकर कैप्टन विकास गुप्ता तक तमाम लोग अपनी अपनी दावेदारी कर रहे थे। लगातार गाजियाबाद की स्थानीय मीडिया में इस बात की चर्चाओं को बोल दिया जा रहा था कि वी के सिंह का टिकट नहीं काटा गया तो क्षेत्र में भाजपा का भारी विरोध होगा किंतु ठाकुर बाहुल्य सीट पर जनरल वी के सिंह की जगह किसी अन्य ठाकुर प्रत्याशी की उचित दावेदारी न होने के कारण प्रदेश भाजपा ने इस सीट की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दी है ।अब प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि वी के सिंह को टिकट देना है या नहीं ।
वहीं गौतम बुद्ध नगर में डॉक्टर महेश शर्मा को तीसरी बार टिकट मिलने की संभावना अब 99% मानी जा रही है । यहां पर भी स्थानीय जातीय समीकरण और भाजपा के ही कुछ सांसद और विधायकों के व्यक्तिगत विरोध के कारण लगातार दो बार से सांसद डा महेश शर्मा के विरोध को हवा दे जा रही थी। लगातार ऐसे झूठे आरोप बनाए जा रहे थे जिसमें बताया जा रहा था कि डॉक्टर महेश शर्मा का जाति विशेष से बहुत विरोध है किंतु तमाम षड्यंत्रों के बाद पार्टी ने यह माना की डॉक्टर महेश शर्मा का विरोध करने वाले अधिकांश लोग या तो बीजेपी विरोधी एक्टिविटी में शामिल रहे हैं या फिर विपक्षी दलों से उनका कहीं ना कहीं किसी तरीके का गठजोड़ रहा है ।
भाजपा के सूत्रों की माने तो डॉ महेश शर्मा का टिकट बिल्कुल फाइनल हो चुका है यद्यपि उनके सामने पूर्व जिलाधिकारी बी एन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल अपनी दावेदारी अभी तक पीछे नहीं हट रहे है । किंतु भाजपा में चल रही चर्चाओं में कहा जा रहा है कि बी एन सिंह की लॉबिंग कर रहे भाजपा के बड़े नेता को फिलहाल किसी अन्य डील से संतुष्ट किया जा चुका है वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता को आने वाले समय में नोएडा विधानसभा सीट से टिकट देने की सभावना बताई जा रही हैं ।
ऐसे में अगले दो से तीन दिनों में होने वाली टिकट घोषणा में अगर दिल्ली एनसीआर की सीटों को भी घोषित किया गया तो इस क्षेत्र से फिर भाजपा बनाम विपक्ष की लड़ाई स्पष्ट तौर पर शुरू हो जाएगी । गाजियाबाद में कांग्रेस ने डोली शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं गौतम बुद्ध नगर में समाजवादी पार्टी अभी प्रत्याशियों पर विचार कर रही है और जल्द ही यहां भी उनके प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।