ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के लिए फुट ओवर ब्रिज अब बीरबल की खिचड़ी हो गए हैं लंबे समय से मांग कर रही जनता को कुछ समय के लिए इन ब्रिजों के जल्दी बनने की आशा बंधी थी । जब टेंडर अलॉट होते ही एक मूर्ति चौराहे पर ब्रिज का निर्माण शुरू हो गया। पांच ब्रिज के टेंडर में सबसे पहले एक मूर्ति पर काम शुरू हुआ और वर्तमान में वह पूर्णता के बिल्कुल निकट है प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार ब्रिज लगभग कंप्लीट हो चुका है और इसको अप्रूवल के लिए आईआईटी रुड़की की एक रिपोर्ट सबमिट करनी होगी उसके बाद यह शुरू हो जाएगा।
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार कुल बनने वाले आठ ब्रिज में पांच का टेंडर पहले हुआ था। जिसमें एक मूर्ति चौराहे समेत तीन ब्रिज का टेंडर एक ठेकेदार को दिया गया और यहां काम तेजी से आरंभ हुआ । जबकि ग्रेटर नोएडा में कैलाश अस्पताल और परी चौक पर बनने वाले दो ब्रिज का टेंडर किसी अन्य कंपनी को दिया गया । जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तो काम शुरू हो गया है किंतु ग्रेटर नोएडा में अभी तक काम भी शुरू नहीं हुआ है। वही बाकी बचे तीन ब्रिज के टेंडर्स के लिए तीसरी बार जारी निवदाओं में कल आखिरी दिन सिर्फ एक निविदा आई जिसके कारण माना जा रहा है कि इन तीन के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा ।
एक मूर्ति चौराहे पर तेजी से होते काम से लोग प्रसन्न थे किंतु इसके बाद परेशानियां शुरू हो गई बाकी बनने वाले दो ब्रिज अधिकारियों की गलती या मिलीभगत के चक्कर में गलत जगह पर बनाने शुरू किए गए। आरोप है कि इन ब्रिज को जनता के हित की जगह व्यवसायिक हित को सर्वोपरि रखकर बनाए जाने लगा। ऐसे में यथार्थ अस्पताल के सामने जब ब्रिज बनने की फाउंडेशन रखी जाने लगी तब लोगों ने विरोध किया और विरोध के समाचार एनसीआर में खबर में प्रकाशित होने के बाद प्राधिकरण हरकत में आया और यथार्थ के सामने बनने वाले ब्रिज को जांच होने तक रोक दिया गया । 15 दिन से भी ज्यादा होने के बाद अब लोगों में प्रश्न उठने शुरू हो गए कि आखिर यह ब्रिज अब कब बनेंगे और कहां बनेंगे।
ग्रेटर नोएडा के सबसे बड़े बायर्स संगठन नेफोवा ने मंगलवार को इनको जल्द बनाए जाने को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि यथार्थ अस्पताल एवं गोल्डन आई के सामने गलत जगह पर फुट ओवर ब्रिज निर्माण को लेकर सीईओ ग्रेटर नोएडा के द्वारा दिए आदेश पर क्या प्रगति हुई तथा क्या इस आदेश का अनुपालन हो पाएगा या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि लग तो ऐसा ही रह है कि ठंडे बस्ते में चला जायेगा मुद्दा। काल सारा दिन ऑथोरिटी में लगाया एक छोटे से काम के लिए और कभी साइट डाउन कभी सिस्टम हैंग यही होता रहा शाम 6 बजे तक। अब आप इस से अंदाज़ लगा सकते हैं।
एनसीआर खबर ने लोगों की भावनाओं को लेकर उठ रहे इस ज्वार और ब्रिज निर्माण में हो रही देरी के लिए प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग से प्रश्न किया तो उन्होंने बताया कि ब्रिज के लिए चुनी गई गलत जगह के स्थान पर अब यथार्थ अस्पताल और इको विलेज वन के बीच में समुचित जगह चयनित करके नए ब्रिज का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा । जल्दी इसकी जानकारी पब्लिक डोमेन में आ जाएगी।
इसके साथ ही एक मूर्ति पर बना रहे ब्रिज को भी जल्दी खोला जा सकेगा ब्रिज का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके लिए आईआईटी रुड़की की फाइनल रिपोर्ट के बाद इसको लोगो के लिए खोला जा सकेगा ।
वही अपनी समस्यायों को लेकर आए मौजूद कई लोगों ने एनसीआर खबर को बताया कि अगर गोल्डन आई और निराला स्टेट के बीच में बनने वाले ब्रिज को उसकी जगह स्टेलर जीवन और ट्रिडेंट एंबेसी के बीच में कहीं पर बनाया जाए तो वह वहां के लोगों के लिए बहुत ज्यादा सुविधाजनक होगा । प्राधिकरण अगर इस और भी ध्यान दें तो इन सोसाइटियों में रहें वाले और काम करने आने वाले हजारों मजदूरों के लिए भी यह लाभदायक होगा ।