आशु भटनागर/ इन्द्रेश शर्मा I लोकसभा चुनाव के लिए इस बार गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र से कई मजबूत दावेदारों के होने के कारण पार्टी नेतृत्व किसी के नाम की घोषणा नहीं कर पा रहा है। यही कारण है कि पहली लिस्ट में गौतमबुद्ध नगर से डा महेश शर्मा के नामकी घोषणा कर दी गई है, लेकिन गाजियाबाद को होल्ड कर दिया है ।
उत्तर प्रदेश की अस्सी में से दस सबसे सुरक्षित सीटों में भी गाजियाबाद लोकसभा सीट शामिल है, जहां भाजपा खुद को मजबूत स्थिति में पाती है। यही कारण है कि इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी उतारने की संभावनाएं ज्यादा होती है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां स्थानीय प्रत्याशी के मुकाबले बाहरी प्रत्याशी को उतारा है।
गाजियाबाद में भाजपा संगठन के भीतर गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है, एक गुट सांसद वीके सिंह का है तो दूसरा विधायकों का गुट है। सांसद जनरल वीके सिंह तीसरी बार टिकट के लिए आश्वस्त हैं तो दूसरी तरफ विधायक अतुल गर्ग ने जिस गर्मजोशी के साथ अरुण सिंह का नाम लिया, उससे लोकसभा सीट के टिकट की लड़ाई में अभी कुछ भी होने का संकेत नजर आया। स्मरण रहे कि अरुण सिंह 2015 से भाजपा के राष्टï्रीय महासचिव है। हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया था, जहां पार्टी ने सीटों में भारी इजाफा करते हुए सत्ता हासिल की। मूलरूप से मिर्जापुर के रहने वाले अरुण सिंह पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट है और छात्र जीवन से ही एबीवीपी से जुड़े रहे। वे भाजपा युवा मोर्चा के राष्टï्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। महानगर और जिला इकाई के पदाधिकारियों के साथ उनका बेहद ही मधुर संबंध है। गाजियाबाद के कई कार्यक्रमों में उन्होंने शिरकत भी की है।
इन दो गुटों के अलावा एक नया एंगल भी गाजियाबाद में अपनी दावेदारी कर रहा है वह है दलित और अनुसूचित जनजाति जाति का भी है । समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण जिस तरीके से गाजियाबाद के चक्कर लगा रहे हैं उसे एक संभावना उनके नाम की भी बन रही है।
किंतु इस सब के बावजूद वीके सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों की गुड बुक में है। उनके दोनों से मधुर संबंधों का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यूपी के दौर में अक्सर योगी अपने साथ वीके सिंह को ले जाते हैं और प्रधानमंत्री के बड़े कार्यक्रमों अभियानों में मदद के समय भी वी के सिंह ही खड़े नजर आते हैं। ऐसे में भाजपा में प्रदेश और देश के सबसे बड़े नेताओं की गुड बुक में आने वाले वीके सिंह तीसरी बार भी पार्टी के उम्मीदवार बने तो इसमें कोई अचरज नहीं होगा ।