राजेश बैरागी I गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा को लेकर गुर्जर समाज में कैसी प्रतिक्रिया है? क्या गुर्जर समाज अपनी बिरादरी से किसी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में भी गोलबंद हो सकता है? समाजवादी पार्टी से डॉ महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद क्षेत्र में इस प्रकार की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं कि यदि सपा या बसपा ने कोई मजबूत गुर्जर प्रत्याशी उतारा तो चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
भाजपा ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर एक बार फिर डॉ महेश शर्मा पर ही भरोसा जताया है।उनका नाम भी पार्टी की पहली सूची में शामिल था। उनसे मुकाबले के लिए समाजवादी पार्टी ने डॉ महेंद्र नागर को दो दिन पहले प्रत्याशी घोषित किया। डॉ महेंद्र नागर गुर्जर समाज से आते हैं। जातिगत समीकरणों के कारण ही पार्टी नेतृत्व ने अन्य कई मजबूत प्रत्याशियों पर अधिमान देते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाया। परंतु उनकी उम्मीदवारी के विरुद्ध पार्टी के भीतर से ही विरोध के स्वर उठने लगे। पार्टी नेतृत्व को बताया जा रहा है कि गुर्जर समाज से होने के बावजूद डॉ महेंद्र नागर मजबूत प्रत्याशी साबित नहीं होंगे।
क्षेत्र में चर्चा है कि भाजपा द्वारा निरंतर ब्राह्मण प्रत्याशी को ही टिकट देने से गुर्जर समाज प्रसन्न नहीं है। यह अलग बात है कि बिरादरी के किसी व्यक्ति को भाजपा से टिकट न मिलने और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा कोई मजबूत प्रत्याशी न देने पर गुर्जर समाज के सामने डॉ महेश शर्मा को वोट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। डॉ महेंद्र नागर को ऐसा ही प्रत्याशी माना जा रहा है जिसके पीछे गुर्जर समाज लामबंद होने का जोखिम नहीं लेना चाहता है।
इस संबंध में एक सार्वजनिक स्थान पर दो लोगों की बातें बड़ी दिलचस्प थीं। उनमें से एक कह रहा था कि डॉ महेश शर्मा को इस बार निर्विरोध निर्वाचित किया जाना चाहिए। दूसरे ने पूछा, क्यों? पहले ने जवाब दिया, भाजपा के सामने किसी का भी जीतना संभव नहीं है और दूसरी पार्टियां अच्छे प्रत्याशी ढूंढ नहीं पा रही हैं तो यही उचित है।’ यह व्यक्ति गुर्जर समाज से था और किसी पार्टी से संबंधित नहीं था। उसके अंदाज से यह अंदाज़ा लगाना कठिन नहीं था कि गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर गुर्जर प्रत्याशी को लेकर गुर्जर समाज में क्या चल रहा है। हालांकि भाजपा की जीत को लेकर कहीं कोई भ्रम नहीं है।