पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता । अक्सर मां भगवती की आरती में गई जाने वाली यह लाइन इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेहद चर्चा में है। जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की तीसरी लिस्ट में जिन 25 सीटों पर प्रत्याशियों के चयन की चर्चाएं हुई हैं। उनमें पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के टिकट को काटे जाने पर सहमति बन चुकी है ।
दिल्ली में भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी मे यूपी की 25 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर मंथन किया गया। बैठक में भाजपा के साथ ही सहयोगियों की दी जाने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, महामंत्री (संगठन ) धर्मपाल के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि पीलीभीत से जितिन प्रसाद या फिर केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के नाम को आगे किया जा सकता है इसके साथ ही सुल्तानपुर से भी मेनका गांधी को भी हटाए जाने की चर्चाओं के बीच अब गांधी परिवार की सियासत और उसके भविष्य पर बड़े प्रश्न लगने शुरू हो गए हैं ।
भाजपा के सूत्रों की माने तो पार्टी बीते 3 वर्षों में वरुण गांधी द्वारा भाजपा के खिलाफ लगातार दिए गए बयानों से बेहद नाराज है प्रदेश संगठन ने किसी भी हालत में वरुण गांधी के टिकट को टिकट न दिए जाने की अनुशंसा की है ।
पार्टी ने यह भी कहा है कि लगातार ऐसे संकेत हैं कि वरुण गांधी इंडिया गठबंधन के टिकट पर अमेठी या पीलीभीत से चुनाव लड़ सकते हैं सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्याशी के तौर पर एक लिस्ट भी वायरल हो रही थी । यद्यपि स्वयं समाजवादी पार्टी ने उसे लिस्ट को फेक बताया था ।

राजनैतिक चर्चाओं में कहा जा रहा हैं कि वरुण गांधी पर पार्टी की ना से उनकी मां मेनका गांधी के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है पार्टी ने मां और बेटे को ऐसे खेल में फंसा दिया है जिसमें अगर मेनका गांधी भाजपा से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव स्वीकार कर लेती हैं तो वह अपने बेटे के करियर को दाव पर लगा देंगी और अगर वह भाजपा का प्रस्ताव स्वीकार नहीं करती हैं तो मां और बेटे दोनों का कैरियर किनारे लगना तय हो चुका है ।
ऐसे में जल्द ही जारी होने वाली तीसरी लिस्ट के पहले अब लगातार चर्चाएं यह हैं की क्या वरुण गांधी के लिए मेनका गांधी अपने राजनीतिक कैरियर का बलिदान देने को तैयार हैं या फिर राजनीति के खेल में भाजपा के आगे समर्पण कर देंगी