गौतम बुध नगर समाजवादी पार्टी के अंदर की गुटबाजी अब खुलकर बाहर आने लगी है बुधवार को घोषित प्रत्याशी का टिकट बदलकर राहुल अवाना को दिए जाने के बाद पार्टी में लगातार राहुल अवाना की टिकट को लेकर तमाम चर्चाएं की जा रही हैं बृहस्पतिवार को पार्टी के गुट के संदर्भ से एक इवनिंग समाचार पत्र द्वारा दी एक जानकारी से जिले की राजनीति में तूफान आ गया है ।
एक स्थानीय समाचार पत्र की माने तो पार्टी का टिकट लेने के लिए राहुल अवाना ने पार्टी में चुनाव में 30 करोड रुपए खर्च करने की बात कही है समाचार पत्र लिखता है कि टिकट के समय एक पूर्व जिलाअध्यक्ष ने मजाकिया लहजे में कहा कि चुनाव जीतने के लिए वही आदमी सक्षम है जो 10 करोड रुपए खर्च कर सकता है इसके बाद कथित तौर पर राहुल अवाना के हवाले से यह कहा जा रहा है कि उन्होंने 10 नहीं 30 करोड़ खर्च कर देने की बात कही ।
जानकारी के अनुसार समाचार पत्र यह भी दावा कर रहा है कि जल्द ही समाजवादी पार्टी के कई नेता भाजपा में जा सकते हैं। अब प्रश्न यह है कि समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेता आखिर कौन हो सकते हैं, क्या यह सब वही नेता हैं जो अभी तक पूर्व प्रत्याशी के साथ खड़े दिख रहे थे ? क्या समाचार पत्र का इशारा पूर्व प्रत्याशी पर है । वहीं नोएडा महानगर से के एक कार्यकर्ता ने एनसीआर खबर को बताया की पार्टी में चर्चा चल रही है कि राहुल अवाना के टिकट होने से नाराज महानगर अध्यक्ष समेत कई लोग पार्टी छोड़ सकते हैं ।
30 करोड रुपए खर्च करने की चर्चा के बारे में जब प्रत्याशी राहुल अवाना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह केवल विरोधियों की फैलाई हुई अफवाह है। वह किसान परिवार से हैं ऐसे में 30 करोड रुपए उनके लिए बहुत मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश बैरागी लिखते है कि सपा प्रत्याशी राहुल अवाना नोएडा के गांव असगरपुर के मूल निवासी हैं। कभी स्वर्गीय विधायक महेंद्र सिंह भाटी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी रहे ग्रेटर नोएडा के गांव साकीपुर निवासी जिले सिंह भाटी के सगे भांजे हैं। उनके दादा लंबे समय तक गांव के प्रधान रहे। उनके परिवार की गिनती नोएडा के अच्छे धनाढ्य गुर्जर परिवारों में होती है। दरअसल पहले प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर के नाम की घोषणा होने के साथ ही पार्टी में उनका विरोध शुरू हो गया था। हालांकि, पार्टी का एक धड़ा उनके समर्थन में अंतिम समय तक नेतृत्व को समझाने में जुटा रहा। उनका समर्थन कर रहे धड़े को लेकर पार्टी के स्थानीय संगठन में तमाम चर्चाएं हैं। इससे स्थानीय संगठन से लेकर शीर्ष स्तर के कुछ नेताओं की सत्यनिष्ठा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
ऐसे में समाजवादी पार्टी में मचा घमासान चुनाव से पहले ही बड़ी हार की कहानी लिख रहा है या फिर राहुल अवाना जल्द ही इन सबको मना लेंगे यह आने वाले दिनों में देखा जा सकता है ।